Halal Meat in Karnataka: कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है. राज्य में हलाल मांस (Halal Meat) पर रोक लगाए जाने को लेकर सरकार इस बार सदन में एक विधेयक पेश कर सकती है. राज्य में हलाल मांस पर रोक लगाए जाने को लेकर सदन में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी तकरार होने की भी संभावना है.


बीजेपी एमएलसी एन रविकुमार ने एफएसएसएआई (FSSAI) के अलावा किसी अन्य निकाय द्वारा खाद्य प्रमाणन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले विधेयक को लाने की पहल की है. हलाल मुद्दे ने इस साल मार्च में उस समय बवाल खड़ा कर दिया, जब हिंदुत्ववादी संगठनों ने उगादी उत्सव (Ugadi festival) के दौरान हलाल मांस का बहिष्कार करने का आह्वान किया था. भाजपा का एक गुट विधेयक पारित कर इसे कानूनी मान्यता देना चाहता है.


निजी बिल के रूप में पेश करने की है योजना


बीजेपी नेता रविकुमार ने इसे एक निजी बिल के रूप में पेश करने की योजना बनाई है. इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक पत्र भी लिखा था. हालांकि, वह अब इसे सदन के अंदर सरकारी विधेयक के रूप में प्रस्तुत करना चाह रहे हैं.


CM बोम्मई से मुलाकात करेंगे रविकुमार


वहीं, इस मुद्दे पर रविकुमार सोमवार को सीएम बसवराज बोम्मई से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा, "कुछ अनधिकृत संस्थान खाद्य उत्पादों को प्रमाणित करने में शामिल हैं और इसलिए अवैध रूप से बाजार को नियंत्रित कर रहे हैं. इस पर अंकुश लगाने के इरादे से बिल निश्चित रूप से इस प्रक्रिया में मदद करेगा." 


बीजेपी और कांग्रेस के बीच शुरू हुई जुबानी जंग


इस कदम से विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग अभी से शुरू हो गई है. कांग्रेस ने पिछले सत्र के दौरान धर्मांतरण विरोधी विधेयक को लेकर भाजपा के साथ तीखी बहस की थी. शीतकालीन सत्र में भी हलाल मांस को लेकर सदन में माहौल गरम बना रहेगा.


'विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह'


सदन में विपक्ष के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा, "हम विधानसभा अध्यक्ष से हलाल मांस पर निजी विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह करेंगे." विधानसभा में कांग्रेस बिल का विरोध करने को तैयार है. कांग्रेस नेता यूटी खादर (U.T. Khadar) ने कहा, "हम बीजेपी की रणनीति को समझते हैं. वह अपनी विफलता, भ्रष्टाचार और मतदाता डेटा चोरी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान हटाना चाहती है. हलाल विरोधी बिल का उद्देश्य विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करना है."


विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलेगा मुद्दा


बता दें, बीजेपी कर्नाटक विधानसभा में हलाल मांस विरोधी कानून लाने की योजना बना रही है, जिससे चुनावी राज्य में एक और राजनीतिक टकराव के लिए मंच तैयार हो जाएगा.  


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