Karnataka Politics: BJP-JDS गठबंधन पर पी चिदंबरम ने कसा तंज, 'संदिग्ध रहस्य बाहर आ गया'
Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जेडीएस के एनडीए में शामिल होने पर कर्नाटक की सियासत में हलचल मची हुई है. कांग्रेस खूब हमले कर रही है.
BJP JDS Alliance: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल (सेक्युलर) और बीजेपी के बीच हुए गठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया दी है. एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने लिखा, "लंबे समय से बना संदिग्ध रहस्य सामने आ गया है. बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर जेडी (एस) का एनडीए में स्वागत किया है."
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कर्नाटक के एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को रूढ़िवादी और महिला विरोधी इन पार्टियों के बीच के गठबंधन पर ध्यान देना चाहिए जो पुरानी व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं." इससे पहले इस गठबंधन पर कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था, "जेडीएस कर्नाटक में भाजपा की बी-टीम है."
The long-suspected secret is out
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 23, 2023
The BJP has officially welcomed the JD (S) into the NDA
The SC, ST, OBC, Minorities and women of Karnataka must take note of this alliance between conservative, regressive and misogynist parties that want to preserve the old order
वहीं, इस गठबंधन पर बीजेपी ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव में उसकी संभावनाओं को बढ़ावा देगा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूत करेगा.
शुक्रवार को गठबंधन का हुआ औपचारिक ऐलान
बता दें कि जेडीएस ने शुक्रवार (22 सितंबर 2023) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की. इसके बाद कर्नाटक के आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने कहा कि बीजेपी-जेडीएस गठबंधन ने साबित कर दिया है कि देश में कांग्रेस ही एकमात्र धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. राज्य के लोग इस गठबंधन को लेकर स्पष्ट हैं कि इसकी कोई विचारधारा नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीएस के बीच गठबंधन आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़े पैमाने पर फायदेमंद होगा.
कांग्रेस ने जेडीएस को दिया ये सुझाव
उन्होंने आगे कहा कि जेडीएस से 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि पार्टी ने अब बीजेपी से हाथ मिला लिया है, जिस पर कांग्रेस नेता ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे सांप्रदायिक पार्टी होने का आरोप लगाया था.