पिछले हफ्ते भारतीय खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न से हटाकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया. इसके बाद अब कर्नाटक में चलाई जा रही इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है. कर्नाटक बीजेपी के नेता ने राज्य के मुख्यमंत्री बी.एस. बोम्मई से इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णाश्वरी रखने की मांग की तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया.
कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन बदलने की मांग
कर्नाटक बीजेपी नेता सीटी रवि ने ट्वीट करते हुए कहा- मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई से अनुरोध है कि कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. कोई कारण नहीं दिखता कि भोजन करते समय कन्नड़ लोगों को आपातकाल के काले दिनों की याद क्यों दिला दी जाए.
इधर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी नेता की इस मांग पर पलटवार किया है. सिद्दारमैया ने बीजेपी नेताओं के ऊपर रखे गए नाम को लेकर सवाल पूछते हुए कहा- इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की मांग और कुछ नहीं बल्कि यह एक प्रतिशोध की राजनीति है. कई कार्यक्रमों के नाम बीजेपी नेताओं पर रखे गए. क्या हमने उन नामों को बदलने की मांग की.
गौरतलब है कि इससे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने पर कांग्रेस ने अपरोक्ष तौर पर निशाना साधा. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल कर खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शुरूआत हो ही गई है तो अच्छी शुरुआत कीजिए.
सुरजेवाला ने कहा, ''हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है. मेजर ध्यानचंद का नाम अगर बीजेपी और पीएम मोदी अपने छोटे राजनीतिक उदेश्यों के लिए नहीं घसीटते तो अच्छा था. मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखे जाने का हम स्वागत करते हैं.'' उन्होंने कहा, ''राजीव गांधी इस देश के नायक थे और रहेंगे. राजीव गांधी किसी पुरस्कार से नहीं, बल्कि अपनी शहादत, विचार और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए जाने जाते हैं. आज जब ओलंपिक वर्ष में पीएम मोदी ने खेल का बजट 230 करोड़ रुपये काट दिया है. पीएम मोदी ध्यान भटका रहे हैं.''
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