BJP Victory In Vijayapura Civic Polls: कर्नाटक (Karnataka) के विजयपुरा निकाय चुनाव (Vijayapura Civic Polls) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ी सफलता मिली है. बीजेपी ने इस निकाय चुनाव में 35 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी इस जीत के साथ निकाय चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी ने इसके साथ ही कोल्लेगल नगर पालिका परिषद उपचुनाव में भी सात में छह सीटें जीतने पर कामयाबी हासिल की है. बीजेपी को मिली इस जीत पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने विजयपुरा के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. सीएम बोम्मई ने इस जीत को पार्टी के लिए बहुत अहम बताया है.
पार्टी की जीत से गदगद सीएम बोम्मई ने कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि विजयापुर नगर निगम चुनाव में 35 में से 17 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने पार्टी के हर कार्यकता श्रेय देते हुए कहा कि वह विजयपुरा से बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को इस जीत पर बधाई देते हैं.
कांग्रेस के खाते में आई 10 सीटें
गौरतलब है कि विजयपुरा निकाय चुनाव में बीजेपी के बाद कांग्रेस के खाते में 10 सीटें आई हैं. इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम 2 और जद (एस) एक सीट पर कब्जा करने में कामयाब रही है. वहीं, विजयपुरा निकाय चुनाव में पांच निर्दलीय उम्मदीवार भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं.
विजयपुरा और कोल्लेगल में बीती 28 अक्टूबर को चुनाव हुए थे, जिसके नतीजे सोमवार (31 अक्टूबर) को घोषित किए गए. विजयपुरा नगरपालिका को निगम में बदले के छह साल बाद पिछले हफ्ते कराए गया यह पहला चुनाव था. इसमें बीजेपी ने सबसे ज्यादा 17 सीटें अपने कब्जे में की हैं.
बीजेपी ने राहुल पर कसा तंज
कर्नाटक के विजयपुरा निकाय चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) पर तंज कसा है. बीजेपी के मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर दिखने लगा है. कर्नाटक के विजयापुर कॉरपोरेशन में बीजेपी ने 35 में से 17 वार्डों में जीत हासिल की है. बीजेपी पिछली बार के मुकाबले 4 ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है. गौरतलब है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हुई थी, जो अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश चार राज्यों से गुजर चुकी है और अभी तेलंगाना में है.
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