चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक में उस वक्त झटका लग गया जब राज्य में उनके ही विधायक के घर से बेहिसाब नकदी के रूप में काला धन बरामद किया गया. लोकायुक्त की एंटी करप्शन ब्रांच ने बुधवार (2 मार्च) को बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को 40 लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया ही था कि एक गुप्त टिप ने लोकायुक्त के सामने विधायक के काले धन के आर्थिक साम्राज्य को खोल कर रख दिया.
कर्नाटक के लोकायुक्त को गुप्त जानकारी मिली थी, प्रशांत अपने पिता की तरफ से एक ठेके की मंजूरी के लिए पैसे की पहली किस्त लेने वाला है. लोकायुक्त ने अपनी टीम के साथ बड़ी सावधानी से जाल बिछाया और प्रशांत को 40 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया.
ठीक उसी समय उन्होंने BWSSB में मुख्य लेखाकार प्रशांत मदल के ऑफिस की तलाशी ली. जहां से उनको 1.7 करोड़ रुपये कैश मिले. आनन-फानन में विधायक पुत्र समेत 5 लोगों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया. कस्टडी-जांच में पूछताछ के दौरान लोकायुक्त को पता चला कि जो पैसा उन्होंने बरामद किया है, यह विधायक के घर में मिल सकने वाले पैसा का 10वां हिस्सा भी नहीं है.
फिर क्या था लोकायुक्त ने गुप्त सूचना के आधार पर अगले ही दिन विधायक विरुपक्षप्पा के घर पर धावा बोल दिया. विधायक के घर में तलाशी लेने गई टीम की आंखें उस समय फटी रह गईं जब उनको वहां पर नोटों का बेड मिला.
अंतिम सूचना के मुताबिक घर से करीब 6 करोड़ रुपये बरामद किए गए. इस मामले पर भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने विधायक को आरोपी नंबर एक मानते हुए उन पर मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी एमएलए को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है क्योंकि उनकी लोकेशन के बारे में पता नहीं चल सका है.
कौन हैं आरोपी विधायक?
जिस विधायक मदल विरुपक्षप्पा के यहां से कुल 7.62 करोड़ की नकदी मिली है, वह कर्नाटक कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष हैं. यह वही कंपनी है जो देश भर में प्रसिद्ध मैसूर सैंडल सोप बनाती है.
'नकदी मिलने के बाद विधायक ने दिया इस्तीफा'
अपने घर में इतनी ज्यादा अनअकाउंटेड पैसा मिलने के बाद एमएलए ने सीएम बसवराज बोम्मई को इस्तीफा सौंप दिया. इस्तीफे में उन्होंने कहा, एजेंसी ने उन पर जो छापेमारी की है वह उनके और उनके परिवार के खिलाफ एक साजिश है. उन्होंने आगे कहा, उनके और लोकायुक्त अधिकारियों के छापे के बीच में कोई संबंध नहीं है, इसके बावजूद, चूंकि मेरे खिलाफ आरोप लगाया गया है, तो मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए केएसडीएल अध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं.
घटना के बाद क्या बोले राज्य के सीएम?
अपने विधायक के यहां पर इतनी मात्रा में काला धन मिलने के बाद राज्य के सीएम बसवराज बोम्मई बैकफुट पर दिखे लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहरा दिया. उन्होंने कहा, अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी थी लेकिन हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे, जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, इसमें हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
सीएम ने आगे कहा, वहां मिली सारी जानकारी और पैसा, सब कुछ अब लोकायुक्त के पास है. हम इसकी स्वतंत्र और न्यायसंगत जांच कराएंगे जिससे सच्चाई सबके सामने आ सके और हमें पता लग सके कि यह पैसा किसका है और इसका उद्देश्य क्या था.
क्या बोले राज्य कांग्रेस इकाई के नेता?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पूरे घटनाक्रम पर कहा, बीजेपी विधायक पर कार्रवाई होना इस बात का प्रमाण है कि मौजूदा बीजेपी सरकार भ्रष्ट है और वह 40 प्रतिशत कमीशन लेने का काम करते हैं. उन्होंने कहा, एंटी करप्शन ब्युरो की इस कार्रवाई से यह पता चलता है कि बीजेपी भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई है.
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