कर्नाटक: येदियुरप्पा के मंत्री का दावा- संपर्क में हैं कांग्रेस के 22 विधायक
कांग्रेस ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि रमेश जरकीहोली की टिप्पणी से सिर्फ यह प्रदर्शित होता है कि बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है.
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बेंगलुरु: कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जरकीहोली ने दावा किया कि कांग्रेस के 22 विधायक उनके संपर्क में हैं. जरकीहोली ने कहा कि अगर बीजेपी आलाकमान ने उन्हें आगे बढ़ने की इजाजत दी, तो वह एक हफ्ते के अंदर 'परीक्षण के आधार' पर उनमें से पांच का दल-बदल करा सकते हैं. इस पर फौरन ही कांग्रेस ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी से सिर्फ यह प्रदर्शित होता है कि बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है.
जरकीहोली ने चमराजनगर में कहा, ''मेरे संपर्क में कांग्रेस के 22 विधायक हैं, लेकिन मैं परीक्षण के आधार पर उनमें से पांच को एक हफ्ते के अंदर तोड़ (बीजेपी के पाले में ला) सकता हूं.'' गौरतलब है कि राज्यसभा की चार सीटों के लिये राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर एक दिन पहले उत्तर कर्नाटक के विधायकों के एक समूह ने बेलगावी जिले में पूर्व सांसद रमेश कट्टरी के आवास पर एक बैठक की थी. बैठक में शरीक होने वालों में शामिल विजयपुर से बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के कामकाज की शैली पर असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि कुछ कार्य पूरे नहीं किये गये, जबकि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष इनका जिक्र किया था. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कौन से कार्य थे.
बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है- कांग्रेस
जरकीहोली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस बैठक का ज्यादा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए और उन्होंने दावा किया कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से चीजें ठीक हो जाएंगी. उन्होंने कहा, ''(येदियुरप्पा) सरकार अगले तीन साल, बल्कि मौजूदा कार्यकाल खत्म होने के बाद पांच साल के लिये भी सुरक्षित है.'' जरकीहोली की टिप्पणी पर कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है और यह सिर्फ उनकी विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश है. पार्टी प्रवक्ता ए एन नटराज गौड़ा ने कहा, ''यदि सरकार स्थिर है, तब दल-बदल कराने की कोशिश करने की क्या जरूरत है.'' उन्होंने कहा, ''यह बीजेपी के असंतुष्ट विधायकों को एक संदेश देने की कोशिश है कि यदि वे पार्टी छोड़ भी देते हैं तो सरकार को कोई खतरा नहीं है.''
गौड़ा ने कहा कि एक साल के अंदर येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के लिये मजबूर किया जा सकता है. इस बीच, राज्य के कृषि मंत्री बी सी पाटिल ने भी कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र के सरकार में कथित तौर पर दखलंदाजी करने से जुड़े सवाल के जवाब में पाटिल ने कहा कि जब कोई व्यक्ति सरकार में किसी अहम पद पर है, तब पारिवारिक संबंधों को तोड़ देना कैसे संभव है.
पाटिल ने कहा, ''हमें यह निष्कर्ष क्यों निकालना चाहिए कि सरकार में उनकी भागीदारी दखलंदाजी है.'' जरकीहोली और बी सी पाटिल उन प्रमुख बागी नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने असंतुष्ट खेमे का नेतृत्व किया था. वे 2018 में कांग्रेस विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए थे. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के लिये जून 2019 में कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. वे दिसंबर 2019 में विधानसभा उपचुनाव जीते और येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बन गये.
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