BS Yeddyurappa Security: बीएस येदियुरप्पा को Z+ सिक्योरिटी, जानें क्या हुआ कि बढ़ानी पड़ी पूर्व सीएम की सुरक्षा
Karnataka BS Yeddyurappa Security: कर्नाटक में हाल के दिनों में कट्टरपंथी समूहों की सक्रियता बढ़ी है, जिसके बाद सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने बीएस येदियुरप्पा की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की.
BS Yeddyurappa Security Increased Z Category: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली है. हाल ही में सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की ओर से खतरे का अलर्ट जारी किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.
कर्नाटक में सक्रिय कट्टरपंथी समूहों से संभावित खतरे को देखते हुए हाल ही में आईबी ने उनकी सुरक्षा का आंकलन किया था. आइबी की रिपोर्ट में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भी सौंपी गई थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
सीआरपीएफ कमांडो संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार येदियुरप्पा की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कमांडो के सशस्त्र जवान संभालेंगे. सूत्रों के मुताबिक, येदियुरप्पा की सुरक्षा के लिए कुल 33 सीआरपीएफ जवान तैनात किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, उनके आवास पर 10 सशस्त्र स्टैटिक गार्ड तैनात रहेंगे, जिनके साथ मिलकर छह निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) चौबीसों घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
ड्राइवरों की टीम भी सुरक्षा घेरे में शामिल
उनके काफिले में खासतौर पर प्रशिक्षित कुशल ड्राइवरों को भी शामिल किया गया है जो खतरे की स्थिति में उन्हें सुरक्षित निकालने में सक्षम होंगे. संभावित खतरों के खिलाफ निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए 12 सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो को तीन शिफ्टों में तैनात किया जाएगा. निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए, दो पर्यवेक्षकों को शिफ्ट में तैनात किया जाएगा, जिनके दो स्तरीय सुरक्षा घेरे में हमेशा येदियुरप्पा रहेंगे.
येदियुरप्पा को मिली थी धमकी
यह भी बताया गया है कि उनकी सुरक्षा में तैनात होने वाले कमांडो मार्शल आर्ट में भी दक्ष हैं और बिना हथियारों के भी लड़ने में माहिर हैं. वे चौबीसों घंटे मशीन गन और मॉडर्न कम्युनिकेशन डिवाइस से लैस होंगे. आपको बता दें कि येदियुरप्पा के परिवार के कई लोग राजनीति में सक्रिय हैं. यह भी दावा किया जा रहा है उन्हें चरमपंथी समूहों की ओर से धमकी दी गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने ये महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
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