बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति से बहुत बड़ी खबर सामने आई है. बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा दोपहर 12.30 बजे शपथ ले सकते हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि मैं दस बजे राज्यपाल से मिलने जाऊंगा. कल तक स्पीकर की ओर से दो कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक को बर्खास्त करने के फैलसे को मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा था. इसे येदियुरप्पा के सीएम बनने की राह में कहीं ना कहीं एक रोड़े के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन अब येदियुरप्पा स्पीकर के फैसले के बावजूद राजभवन पहुंच कर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं.


तीन विधायकों को अयोग्य करार देने के स्पीकर के फैसले को कांग्रेस के बाकी बागी विधायकों को वापस बुलाने के मौके के तौर पर देखा जा रहा है. येदियुरप्पा के इस फैसले के बाद बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि अगर कांग्रेस व्हिप जारी करती हे तो सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहना पड़ेगा और पक्ष में ही वोट करना होगा. ऐसे में येदियुरप्पा किस तरह फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर पाएंगे?


पार्टी हाईकमान से ग्रीन सिग्नल के बिना ही सरकार बनाने का दावा पेश करना येदियुरप्पा के बगावती सुर दिखा रहा है. दरअसल गुरुवार को दिल्ली में कर्नाटक के नेताओं ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. अमित शाह के साथ मीटिंग इस बात का फैसला नहीं हो सका कि गर्वनर के पास दावा पेश करने के लिए कब जाना है. अमित शाह ने बागी विधायकों पर स्पीकर के फैसले आऩे तक इंतजार करने को कहा है. जानकारी के मुताबिक बीजेपी हाई कमान स्थाई सरकार देने के लिए समय लेकर विचार विमर्श कर रहा है. ऐसे में येदियुरप्पा का अचानक राजभवन जार सरकार बनाने का दावा पेश करना हैरान करता है.


कल कर्नाटक में क्या हुआ?
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जरकिहोली और महेश कुमातल्ली को अयोग्य घोषित कर दिया है. इन दोनों विधायकों को 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य घोषित किया गया है. इनके अलावा कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने निर्दलीय विधायक आर. शंकर को भी 2023 में उनका कार्यकाल समाप्त होने तक सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया.


स्पीकर ने मुताबिक अगले कुछ दिनों में बाकी 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा. स्पीकर ने यह भी कहा कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘कानून सबके लिये समान है. चाहे वह मजदूर हो या भारत का राष्ट्रपति.’