Karnataka Cabinet: कर्नाटक में 20 मई को प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनी. बेंगलुरु में सिद्धारमैया ने सीएम और डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. इसके एक सप्ताह बाद 27 मई को सरकार के कैबिनेट का विस्तार किया गया. नए कर्नाटक कैबिनेट में 32 मंत्रियों में से 24 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. इसके अलावा, सभी ने अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा की है. ये जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट के जरिए दी है.
32 मंत्रियों में से 31 करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 119.06 करोड़ रुपये आंकी गई है. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सबसे अधिक 1,413.80 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की. सबसे कम घोषित संपत्ति वाले मंत्री मुधोल (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से तिम्मापुर रामप्पा बलप्पा हैं, जिनकी संपत्ति 58.56 लाख रुपये है.
अकेली महिला मंत्री की इतनी संपत्ति
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 नए मंत्रियों की कैबिनेट में केवल एक महिला हैं, जिनका नाम लक्ष्मी आर हेब्बलकर है और उन्होंने बेलगाम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. लक्ष्मी ने 13 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और 5 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी घोषित की है.
मंत्रियों की शिक्षा और उम्र
एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, छह मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है. 24 मंत्रियों ने स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है और दो मंत्री डिप्लोमा धारक हैं. वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, 18 मंत्रियों ने अपनी उम्र 41 से 60 साल के बीच बताई है. बाकी,14 मंत्रियों ने अपनी उम्र 61 से 80 साल के बीच बताई है.
बाकी है विभागों का बंटवारा
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद 20 मई को सिद्धारमैया सीएम ने पद की शपथ ली थी. इसके अलावा, डिप्टी सीएम शिवकुमार और आठ अन्य के मंत्रियों के रूप में शपथ ग्रहण की थी. जिसके एक हफ्ते बाद 27 मई को कांग्रेस की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने 24 नए मंत्रियों को शामिल किया. अब कर्नाटक कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 34 पर हो गई है. हालांकि, नए शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों के लिए विभागों का बंटवारा होना अभी बाकी है.
दरअसल, शनिवार को इसकी एक मसौदा सूची लीक हो गई थी, जिसे लेकर कांग्रेस के कई विधायकों ने चिंता जताई. वहीं, पार्टी नेताओं ने भी कहा कि विभागों के आवंटन पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है.