Anti-Conversion Bill: कर्नाटक कैबिनेट ने धर्मांतरण रोधी विधेयक को दी मंजूरी, जानें क्या हैं प्रावधान?
Anti-Conversion Bill: कर्नाटक मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दे दी है. मिली जानकारी के मुताबकि बहुत जल्द विधानसभा में इसे पेश किया जा सकता है.
Karnataka Cabinet ने विवादास्पद धर्मांतरण रोधी विधेयक को सोमवार को मंजूरी दे दी और इसे 21 दिसंबर को विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दी गई. इसे कल विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है.’’ मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है.
प्रस्तावित विधेयक का विपक्षी दल और ईसाई समुदाय के नेतृत्वकर्ता विरोध कर रहे हैं. समझा जाता है कि प्रस्तावित विधेयक में दंडनीय प्रावधान किये गये हैं और इस पर भी जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास एक आवेदन देना होगा.
इससे पहले, गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि जो लोग धर्मांतरण करना चाहेंगे, वे अपना मूल धर्म और उससे जुड़ी सुविधाओं एवं लाभों को गंवा देंगे, जिनमें आरक्षण भी शामिल है. हालांकि, व्यक्ति जिस किसी धर्म को अपनाएगा उसे उस धर्म में मिलने वाले फायदे प्राप्त होने की संभावना होगी. सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक,2021 जबरन, धोखे से, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या विवाह आदि से धर्मांतरण को निषिद्ध करता है.
बताया जाता है कि यह 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव करता है. प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि धर्मांतरण कराने के आरोपी को पीड़ित को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना होगा. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में विधेयक तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव करता है.