Karnataka Cabinet Expansion: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज अपनी कैबिनेट का विस्तार किया. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 29 मंत्रियों को शपथ दिलाई. इनमें 23 ऐसे हैं जो बीएस येदियुरप्पा की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. वहीं छह नए मंत्रियों को जगह मिली है.


बोम्मई ने 26 जुलाई को बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद 28 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बोम्मई शीर्ष नेतृत्व से चर्चा के लिए दो बार दिल्ली आए. शपथ ग्रहण समारोह से पहले बोम्मई ने स्पष्ट किया था कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर उनके मंत्रिमंडल में कोई उप मुख्यमंत्री नहीं होगा. उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा के छोटे बेटे और कर्नाटक में बीजेपी इकाई के उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र भी शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल नहीं हैं.


येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल गोविंद कारजोल (मुधोल), केएस ईश्वरप्पा(शिमोगा), आर अशोक (पद्मनाभनगर), सीएन अश्वथ नारायण (मल्लेश्वरम), बी श्रीरामुलु (मोल्कालमुरु), उमेश कट्टी(हुक्केरी), एसटी सोमशेखर (यशंवतपुर), के सुधाकर (चिक्काबल्लापुरा) और बीसी पाटिल (हीराकेरुरु) को बोम्मई ने भी अपनी सरकार में जगह दी है.


उन्होंने येदियुरप्पा सरकार में शामिल जेसी मधुस्वामी (चिक्कनयाकनाहल्ली), प्रभु चौहान(औरद), वी सोमन्ना (गोविंदराज नगर),एस अंगारा (सुल्लिया), आनंद सिंह (विजयनगरा), सीसी पाटिल(नारगुंड), एमटीबी नागराज (विधान पार्षद) और कोटा श्रीनिवास पुजारी (विधान पार्षद) को भी दोबारा मंत्री बनाया है.


इनके अलावा वी सुनील कुमार (करकला), अरगा जनेंद्र(तीर्थहल्ली), मुनिरत्ना (आरआर नगर), हलप्पा अचार (येलबुर्गा), शंकर पाटिल मुनेनकोप(नवलगुंडा) और बीसी नागेश(टिपतुर) नए चेहरे हैं जिन्हें बोम्मई सरकार में जगह मिली है.


किस वर्ग से कितने मंत्री?


बोम्मई सरकार में शामिल नए कैबिनेट मंत्रियों में लिंगायत समुदाय के आठ, वोक्कालिगा के सात, अन्य पिछड़ा वर्ग के सात, अनुसूचित जाति के तीन, ब्राह्मण समुदाय के दो, अनुसूचित जनजाति-रेड्डी समुदाय का एक-एक मंत्री हैं जबकि एक महिला को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.


बोम्मई ने ‘अपने वादे’ को पूरा करते हुए वर्ष 2019 में कांग्रेस और जनता दल (एस) छोड़कर बीजेपी में आए 10 विधायकों को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है. इन विधायकों के पाला बदलने से राज्य में बीजेपी पार्टी की सरकार बनी थी.


येदियुरप्पा सरकार में पाला बदलकर आने वाले 11 विधायकों को मंत्री बनाया गया था जिनमें से श्रीमंत पाटिल और आर शंकर को बोम्मई मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है जबकि मुनिरत्ना को मंत्री बनाया गया है.


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