Karnataka Cabinet Expansion: फिर दिल्ली में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, आखिर क्या है वजह?
Karnataka Cabinet Expansion: इससे पहले कर्नाटक के दोनों शीर्ष नेता दिल्ली में पार्टी हाईकमान से दो बार मिले थे, जिसमें पहली बैठक में CM और दूसरी बैठक में मंत्री परिषद के नामों पर मुहर लगी थी.
Karnataka Cabinet Expansion: कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार बुधवार (24 मई) को दिल्ली आ रहे हैं. दोनों नेता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर कैबिनेट विस्तार और मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन को लेकर चर्चा कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, सीएम शाम साढ़े छह बजे एक स्पेशल विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे और रात को दिल्ली में ही रुकेंगे. वहीं, शिवकुमार के दौरे के कार्यक्रम के मुताबिक, डिप्टी सीएम दोपहर की फ्लाइट से बेंगलुरु से रवाना होगे और शाम तक दिल्ली पहुंचेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से होगी मुलाकात
मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के कार्यक्रम के अनुसार, दोनों गुरुवार (25 मई) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. हालांकि दोनों नेता कर्नाटक वापस कब लौंटेंगे, इसकी जानकारी नहीं है. बता दें कि 20 मई को सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. वहीं, आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के बाद से अभी तक कर्नाटक में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है.
कथित रूप से मतभेद थे?
कांग्रेस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले हफ्ते शपथ ग्रहण समारोह से पहले पार्टी आलाकमान ने दिल्ली में आठ मंत्रियों की पहली सूची को मंजूरी दे दी थी. वहीं, कैबिनेट में बहुत ज्यादा संख्या में विधायकों को शामिल करने की पहले की योजना थी क्योंकि चर्चा के दौरान कुछ नामों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित रूप से मतभेद थे.
दरअसल, राज्य में नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन और सही संयोजन के साथ कैबिनेट का विस्तार करना सीएम सिद्धारमैया के सामने एक चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि इसमें सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और विधायकों की पुरानी और नई पीढ़ी के प्रतिनिधियों के बीच संतुलन स्थापित करना होगा. कर्नाटक मंत्रिमंडल में 34 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं.
बता दें कि शपथ ग्रहण से पहले दोनों नेता दिल्ली में पार्टी हाईकमान से दो बार मिले थे, जिसमें पहली बैठक में मुख्यमंत्री और दूसरी बैठक में मंत्री परिषद के नामों पर मुहर लगी थी.