कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को 2013 से कथित मतदाता आंकड़ों की चोरी घोटाले की जांच करने के निर्देश दिए हैं, जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी. यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने संबंधित अधिकारियों को 2013 से मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.
सीएम ने कहा कि वे यह पता लगाएंगे कि पहली बार कब ‘चाइल्यूम एजुकेशन कल्चरल एंड रूरल डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट’ (चाइल्यूम ट्रस्ट) को घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का ठेका दिया गया. हमारा उद्देश्य सच सामने लाना है.
क्या बोले सीएम बोम्मई?
सीएम बोम्मई का यह बयान तब सामने आया है जब एक दिन पहले कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण, जिला निर्वाचन अधिकारी और बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरीनाथ और चाइल्यूम ट्रस्ट के निदेशकों ने चुनाव धोखाधड़ी, गड़बड़ी और मतदाता सूची से छेड़छाड़ की है.
बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस ने 2013 से 2018 तक सत्ता में रहने के दौरान इसी गैर-सरकारी संगठन के साथ काम किया था. कर्नाटक में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चाइल्यूम ट्रस्ट ने कई निजी लोगों को नौकरी पर रखा जिन्हें बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के तौर पर फर्जी पहचान पत्र दिए गए.
मतदाता सूची में गडबड़ी को लेकर क्या बोले?
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आदेश में हमने मतदाताओं के बीच जागरूकता पैदा करने की अनुमति दी थी. हमने यह उपखंड शामिल किया था कि एनजीओ का किसी और राजनीतिक दल से संबंध नहीं होना चाहिए जबकि पिछले आदेश (कांग्रेस कार्यकाल के दौरान) में उन्होंने केवल मतदाताओं का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी.
बोम्मई ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा दिए गए आदेश में एनजीओ को मतदाता सूची में संशोधन के लिए कहा गया था जो भारत निर्वाचन आयोग करता है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का काम किसी निजी संस्था को देने का अपराध अक्षम्य है. कांग्रेस शासन के दौरान तहसीलदार ने खुद एनजीओ को बीएलओ नियुक्त करने के लिए कहा था जो पद का दुरुपयोग है.
निर्वाचन आयोग को लेकर क्या बोले?
कांग्रेस के इस आरोप पर कि मतदाता सूची से 27 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, इस पर बोम्मई ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और काटने का काम निर्वाचन आयोग का है न कि सरकार का उन्होंने कांग्रेस पार्टी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. इस बीच, मामले की जांच कर रही पुलिस ने चाइल्यूम ट्रस्ट के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके कार्यालय पर भी छापा मारा और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा दस्तावेज जब्त किए.
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