कर्नाटक: कुमारस्वामी के बेंगलुरु पहुंचते ही बैठकों का दौर शुरू, कांग्रेस का विधायकों को 9 जुलाई को हाजिर रहने का निर्देश
कर्नाटक में कांग्रेस-JDS सरकार कभी भी अल्पमत में आ सकती है. बीजेपी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने में सिर्फ एक कदम दूर है. मतलब एक सरकार खेमे का एक विधायक इस्तीफा देता है तो सरकार गिर जाएगी. कर्नाटक सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार ने सरकार पर संकट की तमाम खबरों के बीच कहा है कि सभी विधायक वापस आ जाएंगे और सरकार पर कोई खतरा नहीं होगा.
बेंगलुरु: कर्नाटक में राजनीतिक ड्रामा जारी है. कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद जहां गठबंधन सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गई है वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस वक़्त कुमारस्वामी के सामने चुनौती अपनी कुर्सी बचाने के साथ साथ गठबंधन सरकार को बचाना है. निजी दौरे पर अमेरिका गए कुमारस्वामी आज आपात स्थिति में बेंगलुरु पहुंच गए. एचएएल एयरपोर्ट से कुमारस्वामी सीधे जेडीएस की मीटिंग के लिए निकल गए. इस बीच कांग्रेस और कुमारस्वामी की ओर से दावा किया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस वक़्त कर्नाटक में सरकार पर आए संकट खत्म होते नहीं दिख रहे और इस संकट को टालने में कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. कांग्रेस ने सर्कुलर जारी कर अपने सभी विधायकों को नौ जुलाई को हाजिर रहने का निर्देश दिया है. वहीं बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बीएस येदुरप्पा ने भी बीजेपी विधायकों की बैठक बुलाई है. कांग्रेस इस मामले को लेकर बीजेपी पर साजिश का आरोप लगा रही है. बीजेपी इन आरोपों को गलत बता रही है.
Karnataka Chief Minister HD Kumaraswamy arrived at HAL Airport in Bengaluru pic.twitter.com/F3lf2jhHGS
— ANI (@ANI) July 7, 2019
बागी विधायकों को जहां कांग्रेस मानने में लगी है वहीं 13 में से 10 विधायक कल रात मुंबई पहुंच गए है. कांग्रेस से सस्पेंड किए गए शिवाजीनगर से बागी विधायक रोशन बैग ने भी इस्तीफे का संकेत दिया है. ऐसे में गठबंधन सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती है. रोशन बैग ने दो दिनों के भीतर अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा है. साथ ही एबीपी न्यूज़ से बातचीत में रोशन बैग ने सिद्धारमैया को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि बागी हुए विधायकों में अधिकतर विधायक सिद्धारमैया के करीबी रहे हैं. ऐसे में रोशन बैग इस पूरे डेवलपमन्ट पर सिद्धारमैया को कटघरे में खड़ा करते दिखे.
बागी विधायकों के मुंबई पहुंचने के साथ ही जेडीएस-कांग्रेस खेमे में जबरदस्त बेचैनी है. कर्नाटक के घटनाक्रम को लेकर बेंगलुरु से दिल्ली तक सियासी भूचाल मचा हुआ है. कांग्रेस बीजेपी पर मनी पावर के इस्तेमाल का आरोप लगा रही है तो वहीं बीजेपी पूरे मामले से हाथ झाड़ रही है. येदियुरप्पा ने इस पूरे ड्रामे पर "वैट एंड वॉच" कहा है. हालांकि तुमकुर में येदियुरप्पा अपने समर्थकों को विजय चिन्ह यानी विक्ट्री साइन दिखाते हुए नजर आए. इस पूरे घटनाक्रम से बीजेपी खुश दिखाई दे रही है.
लेकिन दूसरी ओर इस पूरे घटनाक्रम पर सिद्धारमैया का नाम सामने आ रहा है. कुछ विधायकों ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग रखी है. वहीं जेडीएस सिद्धारमैया को कुर्सी देने के मूड में कतई नहीं है. दरअसल सिद्दरामैया और जेडीएस के बीच रिश्तों में खटास रही है. ऐसे में जेडीएस के भीतर सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन के नाम पर विचार किया जा रहा है. लेकिन सवाल अब भी यहीं है कि क्या इससे सरकार बच जाएगी? क्योंकि बागी विधायक सिद्धारमैया के करीबी रहे हैं.
विधानसभा पर नजर डाले तो इस वक़्त गठबंधन सरकार के पास 118 विधायक है. कांग्रेस के 79 में से 10 ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं जेडीएस के 37 में से तीन ने इस्तीफा दे दिया है. जिससे कांग्रेस के 69 और जेडीएस के 34 विधायक बचे हैं. वहीं बीएसपी का 1 और निर्दलीय 1. ऐसे में गठबंधन का नंबर 105 हो जाता है. जबकि बीजेपी के पास 105 विधायक है.
कुल सीट 224 है और मैजिक नंबर 113 है. आज 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही कुल संख्या 211 ही जाती है. यानी मैजिक नंबर 106. ऐसे में गठबंधन के पास 105 और ऐसे हालात में स्पीकर वोट कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस की हालत कैट ऑन द वॉल जैसी नजर आ रही है. अगर एक इस्तीफा और सामने आ जाता तो सरकार गिर भी सकती है. उधर रोशन बैग ने भी इस्तीफा देने का संकेत दिया है. ऐसे में गठबंधन की सरकार खतरे में घिरी है और देखना होगा कि कुमारस्वामी की वापसी के साथ ही क्या वो अपनी कुर्सी और सरकार बचा पाते हैं या नहीं?