Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब को लेकर फिर मचा घमासान, CM बसवराज बोम्मई ने कही ये बात
Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा फिर से सामने आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने का आह्वान किया.
Karnataka CM On Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब (Hijab) पहनने का मसला खत्म होता नहीं दिख रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट (Karnataka High Court) का फैसला देने के बाद भी मुस्लिम छात्राएं इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. शनिवार को मंगलुरु यूनिवर्सिटी (Managluru University) में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची. लेकिन जब उन्हें कक्षा में घुसने के लिए हिजाब उतारने को कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद वे वापस लौट गईं. दरअसल, गर्मियों की छुट्टी के बाद स्कूल और कॉलेज फिर से शुरू हो गए हैं. वहीं एक स्कूल में छात्रों ने कक्षाओं में हिजाब पहनने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया. अब इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का बयान भी सामने आया है.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उठाने की कोई जरूरत नहीं है. कोर्ट ने पहले ही अपना फैसला दे दिया है. हर कोई इसका पालन कर रहा है. 99.99 प्रतिशत ने इसका पालन किया है. कोर्ट जो भी निर्णय लेता है, उसका पालन करना होता है. छात्रों को हिजाब के इस मुद्दे को छोड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
कोर्ट के आदेश पर क्या बोलीं छात्राएं?
इससे पहले मंगलुरु विश्वविद्यालय ने गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेश पर एक नोटिफिकेशन जारी किया और किसी भी धार्मिक लिबास के पहनने पर पाबंदी लगा दी. बावजूद इसके कुछ छात्राओं ने इस मुद्दे पर वाइस चांसलर से लेकर डीएम से मुलाकात की थी. साथ ही इन छात्राओं ने कहा था कि वो डिग्री कॉलेज की छात्राएं हैं और विश्वविद्यालय का ये आदेश कॉलेज में लागू नहीं हो सकता है.
ऐसे फैला हिजाब विवाद
कर्नाटक में हिजाब विरोध (Hijab Protest) प्रदर्शन इस साल जनवरी-फरवरी में हुआ जब राज्य के उडुपी जिले में सरकारी लड़कियों के कॉलेज की कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कक्षाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था. कर्नाटक हिजाब विरोध जल्द ही अन्य राज्यों में फैल गया और मामला उच्च न्यायालय में चला गया.
क्या था कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला?
ये कहते हुए कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है, कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) की एक फुल बैंच ने 16 मार्च को मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. याचिका में छात्राओं ने उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कक्षाओं में हिजाब (Hijab) पहनने की मांग की थी. कोर्ट ने राज्य द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हिजाब पहनना उन सरकारी कॉलेजों में प्रतिबंधित किया जा सकता है जहां ड्रेस निर्धारित है, और फैसला सुनाया कि कक्षाओं में सिर्फ ड्रेस पहनने की ही अनुमति होगी.
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