Border Disputes: 'महाराष्ट्र के 2 मंत्रियों का बेलगावी की यात्रा पर आना ठीक नहीं', बोले कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई
Border Disputes: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच काफी समय से बॉर्डर को लेकर विवाद चल रहा है. महाराष्ट्र के बेलगावी जिले का गठन 1960 में हुआ था और तभी से 80 फीसदी मराठी भाषी गांवों को लेकर विवाद है.
Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि महाराष्ट्र के दो मंत्रियों का बेलगावी की यात्रा पर आना ठीक नहीं है. महाराष्ट्र के दो मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल, शंभुराज देसाई और उनकी कानूनी टीम को सीमा मुद्दे से निपटने के लिए नियुक्त किया गया है और उन्होंने बेलागवी की यात्रा की योजना बनाई है, जो विवाद के केंद्र में है.
बताया गया है कि दोनों के महाराष्ट्र एकीकरण समिति (MES) के नेताओं से मिलने की संभावना है, जो बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय करने के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. मंत्रियों का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जो हाल ही में बेलगावी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है.
अतीत में उठाए गए कदमों को जारी रखेगी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेलागवी में पत्रकारों से कहा, "हमारे मुख्य सचिव फैक्स के माध्यम से पहले ही महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र भेज चुके हैं. ऐसे में उनका यहां आना ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें यहां नहीं आना चाहिए. हम उन्हें पहले ही बता चुके हैं . कर्नाटक सरकार अतीत में उठाए गए कदमों को जारी रखेगी."
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबा विवाद
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच काफी समय से ही बॉर्डर को लेकर विवाद चल रहा है. महाराष्ट्र के बेलगाम (बेलगावी) जिले का गठन 1960 में हुआ था और तब से 80 फीसदी मराठी भाषी गांवों को लेकर कर्नाटक से विवाद है.
कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने महाराष्ट्र राज्य में पड़ने वाले सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों पर अपना दावा ठोंका है, जहां कन्नड़ बोलने वाले की तादाद अधिक है. इसी वजह से कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने दावा किया कि वे लोग कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं. इस बात को लेकर के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया भी दे चुके है. उन्होंने कहा कि एक भी गांव जाने नहीं देंगे.
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