Karnataka: हॉस्टल की बच्चियों से यौन उत्पीड़न का मामला, सीएम बोम्मई ने मुरुगा मठ के महंत के खिलाफ पुलिस को दिया 'फ्री हैंड'
Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार हुए मुरुगा मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ पुलिस को जांच करने की पूरी छूट दी है.
Police Action Against Shivamurthy Murugha Sharanaru: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने मुरुगा मठ (Murugha Math) के महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू (Shivamurthy Murugha Sharanaru) के मामले में पुलिस (Police) को कानून के अनुसार जांच करने की पूरी छूट दी है.
महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू पर दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. सीएम बोम्मई ने महंत की गिरफ्तारी में देरी के सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा, ''इन सब बातों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. मैंने पहले ही कहा है कि सब कुछ कानून के मुताबिक होगा. मामले की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.'' पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा, ''पुलिस को फ्री हैंड दिया है और वह काम कर रही है.''
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया आरोपी
आरोपी महंत को उसके खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) कानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं में दर्ज हुए मामले के छह दिन बाद यानी गुरुवार की रात गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि शरणारू ने उसके मठ द्वारा चलाए जा रहे हॉस्टल में रहने वाली दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न को अंजाम दिया था.
आरोपी महंत को शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक, आरोपी को अदालत के समक्ष पेश करने से पहले सुबह उसे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की शिकायत पर जिला अस्पताल ले जाया गया था.
पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर, ऐसे सामने आया मामला
मैसूर सिटी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पिछले हफ्ते पोक्सो और आईपीसी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी. जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने कुल पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में लिंगायत मठ के हॉस्टल का वार्डन भी शामिल है.
बता दें कि हाईस्कूल की दो छात्राओं ने मैसूर में एक एनजीओ से उनके साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. जिसके बाद मामले को अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया और फिर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. बाद में मामला चित्रदुर्ग में स्थानांतरित कर दिया गया. बताया गया कि वारदात इसी जगह अंजाम दी गई थी.
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