नई दिल्ली/बेंगलुरू: सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को सही ठहराया. साथ ही राज्य में 15 सीटों के लिए पांच दिसंबर को होने वाले आगामी उपचुनाव में हिस्सा लेने के लिए अनुमति दी.


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि सभी 17 बागी विधायक (अयोग्य) कल (गुरुवार) बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि बीजेपी सभी 15 सीटों पर जीत हासिल करेगी और पार्टी अयोग्य विधायकों को टिकट देने के बारे में फैसला करेगी.


बता दें कि अयोग्य ठहराए गए विधायकों के बागी होने के कारण कुमारस्वामी सरकार गिर गयी थी और बीजेपी की सरकार बनी थी. शीर्ष अदालत ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के आदेश का वह हिस्सा निरस्त कर दिया जिसमें इन विधायकों को 15वीं विधानसभा के कार्यकाल के अंत (2023) तक के लिये अयोग्य घोषित किया गया था. इसके बाद सभी निगाहें बीजेपी के अगले कदम की ओर हैं कि क्या वह कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेताओं को टिकट देगी.


जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि यदि उपचुनाव में निर्वाचित होते हैं तो ये अयोग्य विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक पद ग्रहण कर सकते हैं. जस्टिस ने कहा कि उसका यह फैसला इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के अध्यक्ष के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है.


शीर्ष अदालत ने अध्यक्ष के आदेश को चुनौती देने वाली इन अयोग्य विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी. तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने एचडी कुमार स्वामी के नेतृत्व वाले कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के सदन में विश्वास मत से ठीक पहले जुलाई के पहले सप्ताह में 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.


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इसके बाद, कुमारस्वामी सरकार ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद, राज्य में बी एस येदियुदप्पा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार का गठन हुआ था. राज्य विधानसभा की 17 में से 15 रिक्त सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहा है. इन सीटों के लिये नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर है.


अयोग्य घोषित किये गये विधायकों में प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हेब्बर, एस टी सोमशेखर, बी बसवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, एन मुनिरत्न, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जारकिहोली, महेश कुमातल्ली और आर शंकर (सभी कांग्रेस) शामिल हैं. जद (एस) के अयोग्य घोषित किये गये विधायकों में के गोपालैया, ए एच विश्वनाथ और के सी नारायण गौड़ा शामिल हैं.


पूर्व विधानसभाध्यक्ष रमेश कुमार ने फैसले पर राहत की सांस ली. उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता को बरकरार रखा है- उस हद तक, यह (मेरे लिए) राहत की सांस है. कार्यकाल (अयोग्यता) के मुद्दे पर, न्यायालय मेरी व्याख्या से सहमत नहीं हुआ है, मैं फैसले का अध्ययन करने के बाद उस पर बोलूंगा.’’


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