बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर आज विधानसभा में फैसला होने की संभावना है. वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि आज का दिन कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा. दरअसल, गठबंधन के विधायकों के इस्तीफों के बाद एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार ने 19 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई दो समय-सीमाओं का पालन नहीं किया था. कुमारस्वामी द्वारा लाये गए विश्वास प्रस्ताव पर गठबंधन सरकार के चर्चा खींचने की अब भी कोशिशें करने की खबरों और सुप्रीम कोर्ट से कोई ना कोई राहत मिलने की उम्मीद के बीच कांगेस और जेडीएस बागी विधायकों का समर्थन वापस हासिल करने के लिए अब तक प्रयासरत हैं.
राज्यपाल ने विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया- कुमारस्वामी
कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रूख कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया, जब विश्वास मत पर चर्चा चल रही थी. साथ ही, उन्होंने 17 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी स्पष्टीकरण मांगा है. आदेश में कहा गया था कि बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
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शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे की समय सीमा और विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुक्रवार तक संपन्न करने की समय सीमा को नजदअंदाज किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी गई थी. यदि सत्तारूढ़ गठबंधन आज भी इसे टालने की कोशिश करती है तो फिर सारी नजरें राज्यपाल के अगले कदम पर होंगी. विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा पूरा करने में की जा रही देर को बागी विधायकों को कांग्रेस-जेडीएस के मनाने की आखिरी पल तक की जा रही कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
विधायकों का दावा- एकजुट हैं और अपने इस्तीफे पर दृढ़ हैं
सूत्रों के मुताबिक, इस सिलसिले में कोशिशें की गई हैं लेकिन इसका कुछ ज्यादा लाभ अब तक नहीं मिल पाया है क्योंकि बागी विधायकों का दावा है कि उनमें से 13 एकजुट हैं और अपने इस्तीफे पर दृढ़ हैं और उनके लौटने का सवाल ही नहीं उठता है. वहीं, बीजेपी ने अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है और उसने सोमवार तक देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई है.
कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों को मिलाकर करीब 16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. जबकि दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और वे अब बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. वहीं राज्य के बसपा के इकलौते विधायक एन महेश फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होंगे. रविवार को महेश ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें इसके लिए निर्देश दिया है. विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी बसपा विधायक सदन में गैर हाजिर थे. विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरु होगी.
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