Siddaramaiah On Hanuman Flag Row: कर्नाटक के मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे पोल पर लगाए गए 'हनुमान ध्वज' को प्रशासन की ओर से हटाए जाने के मामले पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. बीजेपी, जेडीएस और बजरंग दल के समर्थकों ने रविवार (28 जनवरी) को प्रशासनिक अधिकारियों की इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान भी आया है, जिसमें अधिकारियों की कार्रवाई को उचित बताया गया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि इतने ऊंचे पोल पर 'हनुमान ध्वज' की बजाय 'राष्ट्रीय ध्वज' को फहराया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह 'भगवा झंडा' फहराना सही नहीं है. इस बयानबाजी से मामला और गरम हो गया. बीजेपी ने कर्नाटक में अशांत माहौल बनने और हंगामे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.
लॉ एंड ऑर्डर की बिगड़ती स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार- बीजेपी
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र का कहना है कि केरागोडु गांव में 'हनुमान ध्वज' फहराने का फैसला ग्राम पंचायत बोर्ड का था, लेकिन राज्य सरकार ने पुलिस बल के जरिए इसको नीचे उतारने का दुस्साहस दिखाया है. राज्य में 'लॉ एंड ऑर्डर' की बिगड़ती स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार ही जिम्मेदार है.
पुलिस-प्रशासन ने फहराया 'राष्ट्रीय ध्वज'
पुलिस और स्थानीय प्रशासन की ओर से पोल से उतारे गए 'हनुमान ध्वज' की जगह पर 'राष्ट्रीय ध्वज' को फहराया गया. हनुमान ध्वज लगाए जाने की शिकायत किसी अज्ञात शख्स की ओर से की गई थी, जिसके बाद इसको हटाने का कदम उठाया गया. इस कदम से स्थानीय लोग नाराज हो गए और उन्होंने विरोध किया. इसको लेकर शनिवार (27 जनवरी) को रातभर धरना भी दिया गया. अगले दिन रविवार को सुबह नाराज लोगों ने मुख्यमंत्री और मांड्या विधानसभा से कांग्रेस विधायक पी रविकुमार के खिलाफ नारेबाजी की.
गांवों ने चंदा एकत्र कर लगाया था भगवा झंडा
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हनुमान ध्वज लगाने के लिए केरागोडु और आसपास के 12 गांवों के लोगों ने मिलकर चंदा इक्ट्ठा किया था. माना जा रहा है कि इस पूरे मामले में बीजेपी और जेडीएस कार्यकर्ताओं की सक्रियता रही. इसकी शिकायत मिलने के बाद ही मांड्या तालुक पंचायत के कार्यकारी अधिकारी की ओर से ग्राम पंचायत अधिकारियों को भगवा झंडा हटाने के निर्देश दिए गए.
विपक्ष के नेता ने की 'हिंदू विरोधी' रुख की आलोचना
विपक्ष के नेता आर अशोक ने कथित 'हिंदू विरोधी' रुख की कड़ी आलोचना की. उन्होंने यह भी कहा, "पुलिस कार्रवाई की क्या जरूरत थी? इस मामले पर प्रशासन ने ग्रामीणों से बात क्यों नहीं की? ध्वज लगाने की अनुमति देने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत का था.'' उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू बेहद ही शांत प्रिय, सहनशील और सच्चे हैं लेकिन इतने कायर भी नहीं कि आपके हिंदू विरोधी रवैये को बार-बार सहन करते रहें.
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