Karnataka Anna Bhagya Scheme: कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिया. इसी बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार (20 जून) को केंद्र सरकार पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया.
वहीं डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बताया कि अब वो अनाज खरीदने के लिए पंजाब और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से बात कर रहे हैं.
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ''भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने राज्य को खाद्यान्न आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी. हमें 13 जून को उपभोक्ता मंत्रालय ने एफसीआई को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए लेटर लिखा और 14 जून को एफसीआई ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते, इसका मतलब क्या है? अगर स्टॉक नहीं है तो एफसीआई हमें खाद्यान्न देने के लिए क्यों राजी हुआ. उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा है कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है. ये गरीबों के खिलाफ है''
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बताया कि पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने के लिए हमने बात की है. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीबों के पेट पर राजनीति ना करें. आप अपना चावल नहीं दे रहे हैं यह किसानों का चावल है. हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए. कर्नाटक सरकार खरीदने में सक्षम है:
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया?
कांग्रेस ने चावल की आपूर्ति के विषय को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया और आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार को ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए चावल उपलब्ध कराने से इनकार किया जा रहा है.
बीजेपी का कया कहना है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत कई बीजेपी नेताओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि सिद्धारमैया सरकार गरीब परिवारों को 10-10 किलोग्राम मुफ्त चावल प्रदान करने में विफल रही है.
अन्न भाग्य योजना क्या है?
अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने की बात कही गई है. केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है.
एफसीआई ने दिया था ये आदेश
एफसीआई के जारी एक आदेश के अनुसार राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है. इसमें कहा गया कि हालांकि, ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी.