Karnataka 7th Pay Commission: कर्नाटक कैबिनेट ने सोमवार (15 जुलाई) को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक अगस्त से लागू करने का फैसला किया है. इस तरह सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 27.5 फीसदी का इजाफा होने वाला है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार के 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारियों को फायदा होने वाला है. पूर्व मुख्य सचिव के. सुधाकर राव के नेतृत्व में वेतन आयोग का गठन नवंबर 2022 में किया गया था.
राज्य सरकार से सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के फैसले की वजह से हर साल सरकारी खजाने पर 17,440.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान जताया गया है. कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ ने ऐलान किया था कि अगर सैलरी नहीं बढ़ती है तो अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. इसके बाद से ही सिद्धरमैया सरकार पर सैलरी बढ़ाने से संबंधित फैसला लेने का दबाव बना हुआ था. इस तरह अब सरकार ने सैलरी बढ़ाने का निर्णय लिया है.
कितनी बढ़ने वाली है सरकारी कर्मचारियों की सैलरी?
मार्च 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले आयोग ने फाइनल रिपोर्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी दी. आयोग की सिफारिशों में सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 17,000 रुपये से बढ़ाकर 27,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है. कर्नाटक सरकार को अब हर साल कर्मचारियों की सैलरी पर 7,409 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. पेंशन और पारिवारिक पेंशन पर 3,791 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा भी अन्य खर्च शामिल हैं, जो सरकार की जेब से होगा.
वेतन वृद्धि के फैसले का हुआ स्वागत
दरअसल, पिछले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने अंतरिम राहत के तौर पर सैलरी में 17 फीसदी इजाफा किया था. इसमें 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला अगली सरकार पर छोड़ दिया गया, जिसे अब सिद्धारमैया सरकार ने लिया है. कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शदाक्षरी ने कहा, "हम कर्मचारियों को 27.5% वेतन वृद्धि करने के फैसले का स्वागत करते हैं."
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