'उनसे जरूरी कुछ नहीं', CM सिद्धारमैया के लिए सबकुछ कुर्बान करने को तैयार उनकी पत्नी, कहा- वापस कर दूंगी
MUDA Scam: कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) को लेटर लिखकर उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की है.
MUDA Scam: कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस द्वारा भूमि आवंटन के संबंध में विशेष अदालत के निर्देश पर सिद्धरमैया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) को पत्र लिखा है.
इस पत्र में उन्होंने कहा है कि वह प्राधिकरण से प्राप्त 14 प्रतिपूरक भूमि स्थल वापस कर देंगी. उन्होंने इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाने को भी कहा है.
बीएम पार्वती ने लेटर में कही ये बात
उन्होंने पत्र में लिखा, "मेरे पति, सिद्धारमैया, जो राज्य के मुख्यमंत्री हैं, ने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में अपने मूल्यों को बनाए रखा है. मैंने हमेशा यही कोशिश की है कि मेरी वजह से मेरी पति को उनके राजनीतिक जीवन में कोई शर्मिंदगी ना उठानी पड़े."
अपने लेटर पार्वती ने भूमि आवंटन विवाद से जुड़े आरोपों पर दुख जताया है . उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपने पूरे जीवन में, उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत धन या संपत्ति की मांग नहीं की. पार्वती ने बताया कि लोगों से उनके पति को जो सम्मान मिलता है उसे देखकर उन्हें बहुत खुशी मिलती है, जिससे उनके परिवार पर लगे झूठे आरोप और भी दर्दनाक हो जाते हैं.
प्लॉट लौटाने को तैयार
उन्होंने अपने पत्र में लिखा,"मैं मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों को वापस करना चाहती हूं. मैं भूखंडों का कब्जा भी मैसूर शहरी विकास को वापस सौंप रही हूं. प्राधिकारी कृपया इस संबंध में यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं."
बीजेपी ने साधा निशाना
इन सबके बीच बीजेपी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "वास्तव में यह पत्र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे का होना चाहिए. जांच से बचने के लिए यह पत्र लिखा गया है. जब कुछ गलत नहीं किया गया, तो भूखंडों को वापस क्यों किया जा रहा है. ये जगजाहिर है कि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है. ईडी की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. जमीन घोटाला करना कांग्रेस का जन्मसिद्ध अधिकार बन चुका है."
(इनपुट आईएएनएस के साथ)