Karnataka CM swearing In Ceremony: कर्नाटक में शानदार जीत के बाद सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह को कांग्रेस भव्य बनाने की पूरी तैयारी कर रही है. शपथ ग्रहण समारोह को 2024 के लिए कांग्रेस के ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा है. सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस ने करीब 20 पार्टियों को न्योता भेजा है लेकिन आम आदमी पार्टी, बीएसपी, बीआरएस और बीजेडी जैसे विपक्षी दलों को बाहर रखा गया है.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सहयोगी दलों के अलावा उन्हीं पार्टियों को न्योता गया है जिनके साथ गठबंधन की संभावना है.
किसे न्योता मिला
1. नेशनल कांफ्रेंस (जम्मू कश्मीर)
2. पीडीपी (जम्मू कश्मीर)
3. समाजवादी पार्टी (उत्तर प्रदेश)
4. आरएलडी (उत्तर प्रदेश)
5. जेडीयू (बिहार)
6. आरजेडी (बिहार)
7. सीपीआई एमएल (बिहार)
8. सीपीएम (बंगाल, त्रिपुरा)
9. सीपीआई (बंगाल)
10. टीएमसी (बंगाल)
11. जेएमएम (झारखंड)
12. शिव सेना (महाराष्ट्र)
13. एनसीपी (महाराष्ट्र)
14. डीएमके (तमिलनाडु)
15. एमडीएमके (तमिलनाडु)
16. वीसीके (तमिलनाडु)
17. केरल कांग्रेस (केरल)
18. आईयूएमएल (केरल)
19. आरएसपी (केरल)
किन पार्टियों से दूरी
1. आप (दिल्ली, पंजाब)
2. बीएसपी (उत्तर प्रदेश)
3. बीजेडी (ओडिशा)
4. बीआरएस (तेलंगाना)
5. एआईएमआईएम (तेलंगाना)
6. वाइएसआर कांग्रेस (आंध्र प्रदेश)
7. टीडीपी (आंध्र प्रदेश)
8. एआईयूडीएफ (असम)
9. आईएनएलडी (हरियाणा)
10. जेडीएस (कर्नाटक)
केजरीवाल से क्यों दूरी ?
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विपक्षी एकजुटता की कवायद के बावजूद आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक में लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे. केजरीवाल और भगवंत मान प्रचार करने भी आए. एक बड़ी वजह यह भी है कि आप ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को झटका दिया है. दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेता आप से गठबंधन के खिलाफ हैं.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बीएसपी से काफी समय से कोई संबंध नहीं है. बीएसपी अलग राह पर चलती है लिहाजा गठबंधन की कोई उम्मीद नहीं है. यूपी में कांग्रेस अखिलेश और जयंत चौधरी के साथ समीकरण बना रही है.
केसीआर को भी न्योता नहीं
तेलंगाना में कांग्रेस मजबूती से केसीआर सरकार के खिलाफ अभियान चला रही है जहां साल के अंत में चुनाव हैं. इसलिए बीआरएस से गठबंधन की फिलहाल कोई संभावना नहीं है.
बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस , टीडीपी, जेडीएस, आईएनएलडी, एआईएमआईएम जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ कांग्रेस का गठबंधन नामुमकिन है. एआईयूडीएफ से गठबंधन टूट चुका है.
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