नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को बीएस येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया. राजभवन में हुए इस कार्यक्रम में आज 17 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. मंत्रिमंडल में शामिल हुए चेहरों को देखा जाए तो ज्यादातर लोग येदियुरप्पा के करीबी हैं और इनमें से ज्यादातर 2008 से 2013 के BJP शासनकाल में भी मंत्री थे.


अचम्भे की बात ये भी है कि पूर्व CM जगदीश शेट्टर भी मंत्री बने हैं, मल्लेश्वरम से एमएलए अश्वत नारायण पहली बार मंत्री बने हैं. बता दें कि कांग्रेस और JDS के बागी विधायकों को मुंबई के होटल में एक साथ रखने में अश्वत नारायण ने अहम रोल अदा किया था जिसका ईनाम उन्हें मिल गया.


मंत्रिमंडल में शामिल हुए 17 नेताओं में से 7 लिंगायत समुदाय से हैं जो बीजेपी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है. इसके अलावा 3 वोक्कालिगा यानी गौड़ा समुदाय से, चार SC-ST, 2 ओबीसी और एक ब्राह्मण समुदाय से हैं. मंत्रिमंडल के गठन के तुरंत बाद सीएम बी एस येदियुरप्पा ने सभी मंत्रियों को काम पर लगा दिया.


कर्नाटक में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में इन सभी मंत्रियों को अगले 2 दिन तक दौरा करने का निर्देश दिया. अलग अलग मंत्रियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई है. यह मंत्री जिलों में दौरा करेंगे और प्रभावित लोगों से बात करेंगे. इसके साथ ही उन्हें तत्काल मुआवजा किस तरह मिले इस बात की भी व्यवस्था करेंगे.


हालांकि कुछ विधायक ऐसे भी हैं जो मंत्री न बनाए जाने से नाराज हो गए हैं. चित्रदुर्गा से बीजेपी एमएलए तिप्पा रेड्डी के समर्थकों ने चित्रदुर्गा में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों खदेड़ने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. तिप्पा रेड्डी ने कहा कि वह मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं और अपने समर्थकों से मीटिंग के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इनके साथ-साथ चित्रदुर्गा जिले के होसदुर्गा सीट से MLA जी शेखर भी नाराज हैं. इनके अलावा येदियुरप्पा के करीबी माने जाने वाले उमेश कत्ती नाराज चल रहे हैं. बीजेपी ने उन सभी नाराज विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं.


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