अभी तक महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को सात दिनों तक इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में रखने का प्रावधान था और अन्य राज्यों से कर्नाटक आने वाले बिना लक्षण वाले लोगों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन अनिवार्य नहीं था. महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को होम क्वॉरंटीन में रहने को कहा गया था.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘जो लोग महाराष्ट्र से आ रहे हैं, उन्हें सात दिन इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में और बाकी के सात दिन होम क्वॉरंटीन में रहना होगा, जबकि चेन्नई और दिल्ली से आने वाले लोगों को तीन दिन तक इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में और 11 दिन होम क्वॉरंटीन में रहना होगा.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लिया गया है.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से कोविड-19 के मामले बढ़े हैं न कि राज्य के भीतर आवाजाही से, इसलिए हमें बाहर से आने वाले लोगों को नियंत्रित करना होगा, हमें उन्हें क्वॉरंटीन में रखना होगा और उपायों को कड़ा करना होगा.’’
कर्नाटक में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद येदियुरप्पा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य में लॉकडाउन लागू करने की कोई योजना नहीं है और प्रधानमंत्री से हम और ढील देने का अनुरोध करेंगे.’’
उल्लेखनीय है कि राज्य में कोविड-19 के सामने आए 7,000 मामलों में 4,386 संक्रमित महाराष्ट्र से लौटे हैं जबकि 1,340 लोग उनके संपर्क में आने की वजह से संक्रमित हुए. विदेश से आए 216, दिल्ली से आए 87, तमिलनाडु से आए 67 और गुजरात से आए 62 लोगों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हर एहतियाती उपाय अपना रही है. उन्होंने लोगों से समाजिक दूरी का अनुपालन कर सहयोग करने की अपील की.
येदियुरप्पा ने कहा कि आने वाले बृहस्पतिवार को पूरे राज्य में ‘मास्क दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा और मुख्य कार्यक्रम विधान सौध में होगा. उन्होंने कहा कि मास्क नहीं पहनने और सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. शुरुआत में 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 2.8 प्रतिशत के मुकाबले 1.2 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 56.6 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 51 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री ने बताया कि 93 प्रतिशत संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं है.
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