नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले 'लिंगायत धर्म' पर जारी सियासी बयानबाजी के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज से दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. राहुल का कर्नाटक में यह तीसरा दौरा है. कांग्रेस अध्यक्ष जिन प्रमुख जगहों पर जाएंगे उनमें उडुपी, दक्षिण कन्नड़, चिकमंगलूर और हासन के इलाके शामिल हैं. उडुपी, दक्षिण कन्नड़, चिकमंगलूर में बीजेपी की मजबूत उपस्थिति है और हासन पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के प्रमुख एचडी देवगौड़ा का गृह जिला है.


पहले दो चरणों की तरह गांधी धार्मिक स्थलों का दौरा जारी रखेंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान वह गोरखनाथेश्वर मंदिर, रोसारियो चर्च, उल्लाल दरगाह, श्रृंगेरी शरदंबा मंदिर और श्रृंगेरी मठ जाएंगे. वह जगदगुरु शंकराचार्य और श्रृंगेरी मठ के भारती तीर्थ स्वामीजी से मुलाकात करेंगे.


राहुल का कर्नाटक दौरा ऐसे समय हो रहा है जब राज्य की कांग्रेस सरकार ने लिंगायत समुदाय को एक 'अलग धर्म' की मान्यता देने का फैसला लिया है. इस संबंध में अपना फैसला सिद्धारमैया सरकार ने बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है. कर्नाटक के कानून मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा, "राज्य अल्पसंख्यक आयोग की अनुशंसा पर, राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का फैसला किया है."


मंत्री ने कहा, "मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आयोग की सिफारिशों को मान्यता देने और इस फैसले पर मुहर के लिए केंद्र सरकार के पास भेजने का फैसला किया है."


बड़ा सियासी कदम
शिव की पूजा करने वाले लिंगायत और वीरशैव लिंगायत दक्षिण भारत में सबसे बड़ा समुदाय है. राज्य में लिंगायत की आबादी कुल 17 प्रतिशत है. बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं और बीजेपी की लिंगायत समुदाय पर अच्छी पकड़ रही है. 80 के दशक की शुरुआत में रामकृष्ण हेगड़े ने लिंगायत समाज का भरोसा जीता. हेगड़े की मृत्यु के बाद बीएस येदियुरप्पा लिंगायतों के नेता बने.


2013 में बीजेपी ने येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाया तो लिंगायत समाज ने बीजेपी को वोट नहीं दिया. नतीजतन, कांग्रेस फिर से सत्ता में लौट आई. अब बीजेपी फिर से लिंगायत समाज में गहरी पैठ रखने वाले येदियुरप्पा को सीएम उम्मीदवार के रूप में आगे रख रही है. ऐसे में सिद्धारमैया सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म के रूप में मान्यता देना बीजेपी के कोर वोटरों में सेंध लगाने जैसा है. राहुल गांधी अपने कर्नाटक दौरे के दौरान गावी सिद्धेश्वरा लिंगायत मठ गए थे जहां उन्होंन मठ के प्रमुख से मुलाकात की थी.


बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के फैसले को हिंदू समाज को बांटने का प्रयास बताया है. बीजेपी की लोकसभा सांसद, शोभा करंदलाजे ने ट्वीट कर कहा, "कर्नाटक के लोग हिंदू समाज को बांटने के आपके इरादे के लिए आपको कभी माफ नहीं करेंगे (मुख्यमंत्री) सिद्धारमैया. वोट बैंक की छुद्र राजनीति के लिए आप एक गंदा खेल खेल रहे हैं. आपने कर्नाटक के नेताओं और स्वामीजी लोगों को बांटकर पूरे समुदाय के साथ छल किया है."


उन्होंने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस एक अलग धर्म का दर्जा देकर लिंगायतों और वीरशैव लिंगायतों से हिंदू धर्म को न मानने के लिए कह रही है. ये दोनों पंथ 12वीं सदी के समाज सुधारक बासवा की विचारधारा को मानते हैं.