(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Karnataka: कर्नाटक में कौन होगा मुख्यमंत्री का चेहरा? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने दिया ये जवाब
Karnataka Congress: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हो चुकी है. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ा है.
DK Shivakumar on CM Candidate: कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी ने प्रदेश चुनाव समिति का भी ऐलान कर चुकी है. हालांकि, सीएम पद को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर मची खींचतान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया है.
डीके शिवकुमार ने गेंद पार्टी आलाकमान के पाले में फेंक दी है. उन्होंने साफ कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के सत्ता में आने की स्थिति में पार्टी आलाकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी से जुड़े एक सवाल पर डीके शिवकुमार ने फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया.
'सीएम पद पर आलाकमान करेगा फैसला'
उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए, यह आलाकमान तय करेगा. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही फैसला करेंगे. वे जो भी फैसला करेंगे वह प्रसाद जैसा होगा." कर्नाटक में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार परोक्ष रूप से खुद की दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं. दोनों के गुटों में कई बार दूरियां दिखाई पड़ चुकी हैं. हालांकि, मीडिया के सामने दोनों नेता इस मामले पर बयानबाजी से बचते नजर आते हैं.
कांग्रेस के सत्ता में आने की कामना की
नए साल पर डीके शिवकुमार ने राज्य के लोगों और सभी राजनीतिक दलों को शुभकामनाएं देते हुए कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने की कामना की. उन्होंने कहा, "मैं मीडिया, राज्य के लोगों को नए साल की शुभकामनाएं हूं. मैं सभी दलों को भी शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन हमें (कांग्रेस को) सत्ता मिलनी चाहिए."
बीजेपी को 'झूठ की यूनीवर्सिटी' बताया
महादयी नदी जल मुद्दे पर उन्होंने बीजेपी को 'झूठ की यूनीवर्सिटी' का तमगा दिया. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में सरकार होने के बावजूद बीजेपी साढ़े तीन साल तक कुछ भी नहीं कर सकी. तीन साल तक कुछ किए बिना, आवश्यक मंजूरी देने के बजाय उन्होंने अब एक ड्राफ्ट नोट जारी किया है. राज्य से बीजेपी के 25 सांसद होने के बावजूद काम शुरू कराने के लिए उन्होंने एक बार भी इस मुद्दे पर पीएम से मुलाकात नहीं की."