Karnataka Political News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत और सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधान सौध के परिसर को गोमूत्र से साफ किया. उन्होंने कहा कि वह इसे शुद्ध कर रहे हैं, जोकि बीजेपी के भ्रष्ट शासन की वजह से दूषित हो गया था. उन्होंने बीजेपी पर कई भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. 


20 मई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले डीके शिवकुमार ने इस साल जनवरी में कहा था कि विधान सौध (विधानसभा) को गोमूत्र से 'शुद्ध' करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा था कि हम इसका गंजला (गोमूत्र) से शुद्धिकरण करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया था कि विधानसभा "बीजेपी के शासन के दौरान भ्रष्टाचार से प्रदूषित" हुई थी.


कांग्रेस का बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप


5 मई को चुनाव से कुछ दिन पहले, कर्नाटक कांग्रेस एक 'करप्शन रेट कार्ड' लेकर आई, जिसमें तत्कालीन सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार की तरफ से किए गए विभिन्न 'घोटालों' की ओर इशारा किया गया था. ये कार्ड अंग्रेजी और कर्नाटक दोनों में जारी किया गया था और तत्कालीन विपक्षी दल ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने राज्य में सत्ता में रहते हुए 1,50,000 करोड़ रुपये लूटे थे. 


बीजेपी को बताया 'ट्रबल इंजन सरकार'


कांग्रेस ने 'करप्शन रेट कार्ड' में कहा कि मुख्यमंत्री पद पर 2500 करोड़ रुपये और मंत्री पद पर 500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. बीजेपी की 'डबल इंजन सरकार' को 'ट्रबल इंजन सरकार' बताते हुए कांग्रेस ने रेट कार्ड पर कमीशन का जिक्र किया, जिसमें लिखा था, 'सरकार अलग डील की मांग करती है. यह म्यूट अनुदान के लिए 30 प्रतिशत कमीशन के साथ शुरू होता है, सड़क अनुबंधों के लिए 40 प्रतिशत और कोविड-19 आपूर्ति के लिए 75 प्रतिशत तक जाता है. 


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