बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव में करारी हार के करीब डेढ़ महीने बाद कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार संकट में आ गई है. उसके 11 विधायकों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया. पिछले कुछ समय में कांग्रेस के कुल 13 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. इन विधायकों के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली महज साल भर पुरानी सरकार खतरे में पड़ गई है.
यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. कर्नाटक में बीजेपी के 105 विधायक हैं. मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में बीजेपी कर्नाटक में सरकार बना सकती है.
मुंबई पहुंचे विधायक
इस्तीफा देने वाले 11 विधायकों ने शनिवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से भी मुलाकात की और इनमें से 10 विधायक मुंबई चले गए, जहां वे एक होटल में ठहरे हैं. राज्यपाल से मिलने के बाद जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ ने कहा, ‘‘आनंद सिंह सहित कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायकों ने अपना इस्तीफा (विधानसभा की सदस्यता से) स्पीकर को सौंपा है...हम इस विषय को राज्यपाल के संज्ञान में भी लाये हैं.’’
हालांकि, विधानसभा सचिवालय सूत्रों ने बताया कि कुल 13 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपा है, जिनमें आनंद सिंह भी शामिल हैं जिन्होंने (सिंह ने) इस हफ्ते की शुरूआत में स्पीकर से मिलने के बाद अपना इस्तीफा सौंपा था.
विश्वनाथ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रही. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इस बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार विधायकों के साथ तालमेल बैठाने में नाकाम रही.... वह लोगों की उम्मीदों पर भी खरा नहीं उतर पाई.’’
सामने आए कांग्रेस के संकटमोचक
इसबीच, आखिरी कोशिश के तहत कांग्रेस के 'संकटमोचक' और मंत्री डी के शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें मनाने की कोशिश की. वहीं, नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर बैठक की.
बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार शुरू से ही बीजेपी को हजम नहीं हो रही है. वह विधायकों की मंडी लगाकर सरकार गिराने का षडयंत्र कर रही है.'
बीजेपी की सफाई
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों में हुए घटनाक्रमों से मेरा और मेरी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मीडिया में आई खबरों में सुना है कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा दे दिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक चीज मैं कह सकता हूं कि लोग चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं. चुनाव सरकारी खजाने पर बोझ हैं.’’
बीजेपी विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने इन खबरों से इनकार किया कि वह इन विधायकों की यात्रा और उनके मुंबई में ठहरने के इंतजाम में मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘विधायक खुद गए हैं. बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है.’’
विधानसभा की स्थिति क्या है?
विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन का संख्या बल स्पीकर के अलावा 118 है. इसमें कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बीएसपी के एक और निर्दलीय दो विधायक हैं. इसमें वे विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
सूत्रों का दावा
सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल कर्नाटक में 17 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं. विधानसभा का सत्र 12 जुलाई को शुरू हो रहा है. कांग्रेस के 79 में से 10 ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं जेडीएस के 37 में से तीन ने इस्तीफा दे दिया है. जिससे कांग्रेस के 69 और जेडीएस के 34 विधायक बचे हैं. वहीं बीएसपी का 1 और निर्दलीय 1.
ऐसे में गठबंधन का नंबर 105 हो जाता है. जबकि बीजेपी के पास 105 विधायक है. कुल सीट 224 है और मैजिक नंबर 113 है. 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही कुल संख्या 211 ही जाती है. यानी मैजिक नंबर 106. गठबंधन के पास 105 और ऐसे हालात में स्पीकर वोट कर सकते हैं.
जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया
जिन विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में देखा गया, उनमें कांग्रेस के रमेश जरकीहोली (गोकक), प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), शिवराम हेब्बार (येलापुर), महेश कुमाथल्ली (अथानी), बीसी पाटिल (हिरेकेरुर), बिरातिबासवराज (के आर पुरम), एस टी सोम शेखर (यशवंतपुर) और रामलिंग रेड्डी (बीटीएम लेआउट) शामिल हैं.
जेडीएस के विधायकों में ए एच विश्वनाथ (हुंसुर), नारायण गौड़ा (के आर पेट) और गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं. विश्वनाथ ने हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
विधानसभा स्पीकर ने कहा, ‘‘11 विधायकों ने कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा है. मैंने अधिकारियों को (इस्तीफा) पत्र रख लेने और पावती देने के लिए कहा. मंगलवार को मैं कार्यालय जाऊंगा और नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई करूंगा.’’
बाद में, कांग्रेस विधायक मुनिरत्न (राजराजेश्वरी नगर) ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया. विधानसभा सचिवालय सूत्रों ने यह जानकारी दी. वह भी राजभवन के बाहर बागी विधायकों के साथ देखे गए.
सरकार के भविष्य के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘इंतजार कीजिए और देखिए, मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना...सरकार गिर जाएगी या बरकरार रहेगी, यह विधानसभा में तय होगा....’’
ध्यान रहे कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आशंका जताई थी कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकती है. हाल ही में हुए आम चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में कांग्रेस और जेडीएस, दोनों दल सिर्फ एक-एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाए थे. बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एक सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.