Karnataka: उत्तरी कर्नाटक के यादगीर जिले से एक हैरान करने वाला मामल सामने आया है. यहां पर पचास दलित परिवारों को कथित तौर पर एक महीने से सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि एक नाबालिग दलित लड़की के माता-पिता ने 23 वर्षीय उच्च जाति के व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप वापस लेने से इनकार कर दिया था.


इस मामले पुलिस सूत्रों ने कहा कि 15 वर्षीय लड़की और वह व्यक्ति कथित तौर पर रिश्ते में थे और उसने शादी के बहाने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया.


जानें क्या है पूरा मामला


अगस्त महीने की शुरुआत में लड़की ने अपने माता-पिता को बताया कि वो वह पांच महीने से गर्भवती थी. जब लड़की के परिवार ने उस व्यक्ति के परिवार से बात की, तो उन्होंने लड़की के परिवार को अस्वीकार कर दिया. इसके बाद लड़की के माता-पिता ने 12 अगस्त को पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया. यादगीर बेंगलुरु से लगभग 500 किमी दूर है.


शिकायत होने के बाद गांव के ऊंची जाति के लोगों ने लड़की के माता-पिता को बातचीत के लिए बुलाया. हालांकि, माता-पिता ने न्यायिक जांच के लिए आगे बढ़ने का फैसला किया. इसके बाद 13 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.


250 दलितों का किया सामाजिक बहिष्कार 


इससे नाराज होकर, गांव के ऊंची जाति के नेताओं ने कथित तौर पर गांव की दो कॉलोनियों में रहने वाले लगभग 250 दलितों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया. इसके बाद उन्हें किराने और स्टेशनरी की दुकानों, मंदिरों, सैलून और सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच से वंचित कर दिया. वहीं, बहिष्कार के आह्वान का एक कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.


हालांकि, यादगीर एसपी संगीता ने ऐसी स्थिति के किसी भी सबूत से इनकार किया. पुलिस वर्तमान में शांति स्थापित करने के लिए गांव में हैं. उन्होंने गांव के बुजुर्गों से बहिष्कार की अमानवीय प्रथाओं से दूर रहने का आग्रह किया है. वहीं, ग्रामीणों ने कथित तौर पर एसपी के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की है.