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कर्नाटक: बहमनी उत्सव मनाने की सरकार की योजना पर हुआ विवाद
बीजेपी ने प्रस्तावित बहमनी उत्सव पर ऐतराज जताते हुए बहमनी शासकों को हिंदुओं का हत्यारा और मंदिरों का विध्वंसक बताया है.
बेंगलुरू: टीपू जयंती पर विवाद के बाद बहमनी सल्तनत की संस्कृति और कला का उत्सव मनाने की कर्नाटक सरकार की योजना राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच विवाद का नया विषय बन गया है.
बीजेपी ने प्रस्तावित बहमनी उत्सव पर ऐतराज जताते हुए बहमनी शासकों को हिंदुओं का हत्यारा और मंदिरों का विध्वंसक बताया है.
बीजेपी सांसद शोभा कारंदलाजे ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बहमनी सुल्तान कौन हैं ? जिन्होंने लाखों हिंदुओं की हत्या की, जिन्होंने हजारों गांवों को जलाया, जिन्होंने हिंदू महिलाओं से बलात्कार किए, मंदिरों को जिन्होंने नष्ट किया...अब कांग्रेस कांग्रेस उनका उत्सव मना रहा है.
Who is Bahamani Sulthans? Who killed lakhs of hindus, who burnt thousands of villages,who raped hindu women,who destroyed temples....now congress celebrating thier festival...more dangerous
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) February 13, 2018
हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वह बहमनी उत्सव समारोहों से अवगत नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आप जो कह रहे हैं वह मेरे लिए खबर है. मैं नहीं जानता, मैं इस बारे में पता करूंगा.’’ गौरतलब है कि बहमनी सल्तनत मुस्लिम शासन था जिसने दक्कन क्षेत्र में वर्ष 1347 से 1527 ई के बीच शासन किया था. आज का कलबुर्गी और बीदर इसकी राजधानी थी.
समूचे दक्कन क्षेत्र पर अधिपत्य को लेकर उनकी विजयनगर शासकों से लगातार लड़ाइयां होती थी.
बीजेपी सांसद ने संवाददाताओं से बात करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की कलबुर्गी और विजयवाड़ा क्षेत्रों में साम्प्रदायिक हिंसा भड़का कर अपना वोट बैंक मजबूत करने के मकसद से बहमनी उत्सव मनाने की योजना है.
वहीं, कांग्रेस के कलबुर्गी जिला प्रभारी मंत्री एस प्रकाश पाटिल ने कहा कि एक एक दिवसीय समारोह होगा. उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन लोगों ने बयान दिया कि हम जयंती मना रहे हैं. लेकिन यह जयंती नहीं बल्कि उत्सव है. वे लोग चुनाव को ध्यान में रख कर इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सिद्धारमैया नीत कांग्रेस सरकार 2015 से ही 18 वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. वहीं, बीजेपी ने टीपू सुल्तान के महिमामंडन का सख्त विरोध किया है.