BC Nagesh On Kasab Row: एक प्रोफेसर ने छात्र को क्लासरूम में कसाब कह दिया. इस मामले ने जमकर तूल पकड़ा हुआ है. अब इस मामले पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि ये कोई मुद्दा नहीं है. लगभग हर रोज रावण, शकुनि जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है. यहां तक कि विधानसभा में भी इस तरह की कई बार बातें हो चुकी हैं. तो वहीं जब कसाब के बारे में बोला जाता है तो ये मुद्दा बन जाता है.
दरअसल, मुंबई में हुए आतंकी हमले में जिंदा पकड़ा गया इकलौता आतंकी अजमल कसाब था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई थी. सोमवार, 28 नवंबर, को उडुपी की मणिपाल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने एक छात्र से उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम बताया और प्रोफेसर ने मुस्लिम नाम सुनने के बाद उससे कथित तौर पर कहा कि अच्छा तो आप कसाब जैसे हैं. जब छात्र ने इसका विरोध किया तो प्रोफेसर ने उससे माफी भी मांगी. इस मामले का वीडियो वायरल हो गया. हालांकि प्रोफेसर को बाद में सस्पेंड कर दिया गया.
शिक्षा मंत्री ने प्रोफेसर का किया बचाव
इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा मंत्री बीसी नागेश प्रोफेसर का बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर को इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए थी, लेकिन अब इसका राजनीतिकरण हो रहा है और एक वोट बैंक को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये मुद्दा नहीं है. हम लोग रावण और शकुनि जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कसाब के बारे में बोला गया तो ये मुद्दा बन गया.
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने छात्र से सहानुभूति दिखाते हुए प्रोफेसर के कथित आपत्तिजनक बर्ताव पर नाराजगी जाहिर की है. कहा है कि नफरत अमीरों-गरीबों से निकलकर निजी विश्वविद्यालय में चली गई है. ओवैसी ने प्रोफेसर से सवाल-जवाब करने के लिए छात्र को सलाम किया. बकौल ओवैसी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखने वालों से नफरत की जा रही है. छात्र ने जिस तरह से अपनी बात कही, वही तरीका हमें अपनाना होगा, आंख में आंख डालकर सवाल करना होगा, पत्थर मारने से कुछ नहीं होगा.
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