Karnataka: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब बैन और पूर्व बीजेपी सरकार में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए संशोधन को लेकर बड़ा संकेत दिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा सोमवार (29 मई) को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की. जिसके एक दिन बाद मंगलवार (30 मई) को बंगरप्पा ने कहा कि कांग्रेस सरकार एक ऐसा निर्णय लेगी जिससे सभी छात्राओं को लाभ होगा.


शिक्षा मंत्री ने हिजाब विवाद पर कुछ भी कहने से मना करते हुए कहा कि मामला फिलहाल अदालत में है और कानून विभाग इसे कानूनी रूप से लड़ेगा. इस पर अभी कुछ भी कहना और कमेंट करना गलत होगा, लेकिन हम ऐसा फैसला लेंगे जिससे सभी छात्राओं को फायदा होगा. बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया से 29 मई को करीब 30 शिक्षाविदों ने मुलाकात की और शिक्षा क्षेत्र में सुधार की विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि हिजाब विवाद की वजह से हजारों लड़कियां पढ़ नहीं पा रही हैं. 


31 जनवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा मामला
कर्नाटक में दिसंबर 2021 में उडुपी जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह छात्राओं को हेडस्कार्फ पहनने पर क्लास में जाने से रोके गया था. इसके विरोध में राज्य में विवाद खड़ा हो गया. राज्य सरकार की ओर से हिजाब पहनने वाली लड़कियों को क्लास में जाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद मामला पिछले साल 31 जनवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा.


हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हिजाब इस्लाम के अभ्यास के लिए "आवश्यक" नहीं है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तब अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ को भेज दिया था.
 
टेक्सटबुक का फिर से हो रिवीजन
राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि बीजेपी ने कर्नाटक की महान आत्माओं जैसे विश्व गुरु बसवन्ना, राष्ट्रकवि कुवेम्पु" का अपमान करके "पाठ्य पुस्तकों को डिस्टोर्टेड" किया. पार्टी ने वादा किया कि वह "भारत और कर्नाटक के सच्चे मूल्यों और वैज्ञानिक स्वभाव" को फिर से बहाल करेगी. 


कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के उपाध्यक्ष रहे बंगारप्पा ने मंगलवार को कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि छात्र स्कूलों में शिक्षा लेने आते हैं और हम नहीं चाहते कि इसमें कोई बाधा आए और इसमें कोई गलती नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में हमने स्पष्ट कहा था कि छात्रों के भविष्य के हित में टेक्सटबुक का फिर से रिवीजन हो. हम नहीं चाहते कि उनका दिमाग प्रदूषित हो.


घोषणापत्र में किए गए वादों को किया जाएगा पूरा
बंगारप्पा ने बताया कि बीजेपी सरकार के वक्त किए गए परिवर्तनों वाली पाठ्यपुस्तकें पहले ही भेज दी गई हैं. इसके साथ ही बुधवार 31 मई से स्कूल सत्र शुरू हो रहा है. अब हमारे सामने चुनौती यह है कि हम छात्रों और उनकी पढ़ाई को प्रभावित किए बिना इसे सावधानी से कैसे बदलेंगे. उन्होंने कहा कि सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के मार्गदर्शन में घोषणापत्र में किए गए वादों को आगे बढ़ाया जाएगा और पूरा किया जाएगा. 


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