(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Karnataka Election 2023: कर्नाटक की वो विधानसभा सीट, जिसे 63 सालों में कभी नहीं जीत पाई बीजेपी, जानें नया समीकरण
Karnataka Election 2023: कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. कई बार राज्य की सत्ता में रही है, इसके बावजूद एक विधानसभा सीट ऐसी है, जहां पार्टी कभी चुनाव नहीं जीत सकी है.
Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में अप्रैल-मई के पहले विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. राज्य में 224 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा, जिसमें सत्ताधारी बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. राज्य में एक-एक सीट के लिए समीकरण बिठाए जा रहे हैं. ऐसे में उस सीट की चर्चा करते हैं जिस पर वर्तमान में राज्य के साथ ही देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी 63 सालों में आज तक नहीं जीत सकी है.
हम बात कर रहे हैं कि कर्नाटक के बल्लारी जिले (Ballari) की संदूर विधानसभा सीट की, जहां पर बीजेपी 1957 से कभी भी चुनाव नहीं जीत सकी है. एक बार तो बीजेपी ने जिले की बाकी सभी सीटों पर जीत हासिल कर ली, लेकिन संदूर का किला नहीं भेद पाई. यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है.
किसने कितनी बार जीती सीट?
भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिशों के आधार पर 1956 में कर्नाटक का नए राज्य के रूप में गठन हुआ. उस समय यह स्टेट ऑफ मैसूर के नाम से जाना जाता था. 1957 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में संदूर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की.
1957 के बाद से 12 बार सीट पर विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इस दौरान 10 बार ये सीट कांग्रेस ने जीती है, जबकि दो बार अन्य पार्टियों ने यह सीट जीती है. 2008 के बाद से लगातार तीन बार यह सीट कांग्रेस ने अपने पास रखी है. वर्तमान में कांग्रेस के तुकाराम इस सीट से विधायक हैं. यह उनका तीसरा कार्यकाल है. इसके पहले 2003 में जेडीएस के संतोष एस लाड ने यहां से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.
बीजेपी ने मनाया मास्टर प्लान
कांग्रेस के इस गढ़ में कमल खिलाने के लिए बीजेपी पूरी तैयारी कर रही है. इसका मास्टर प्लान बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने खुद तैयार किया है. विगत 23 फरवरी को ही अमित शाह ने बेल्लारी के संदूर विधानसभा क्षेत्र में रैली को संबोधित किया था.
जिले की 9 में 8 सीट जीती थी बीजेपी
इस बीच बोम्मई सरकार में मंत्री बी श्रीरामुलु ने संदूर विधानसभा से चुनाव में उतरने की इच्छा जताई है. हालांकि, उन्होंने यह कहा है कि इसका फैसला आलाकमान करेगा. श्रीरामुलु अक्सर इस क्षेत्र में देखा जाता है.
श्रीरामुलु ने हाल ही में कहा था कि संदूर से कांग्रेस ने 10 बार और दो बार दूसरे दल जीते हैं. 2008 में बीजेपी ने इस निर्वाचन क्षेत्र के अलावा जिले की 9 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार हम ये सीट जीतने जा रहे हैं.
बेल्लारी का समीकरण
बेल्लारी जिले में कांग्रेस और बीजेपी के बीच तगड़ा मुकाबला रहता है. जिले में 9 विधानसभा सीटे हैं. वर्तमान में 5 सीट कांग्रेस के पास है, जबकि 4 पर बीजेपी के विधायक हैं. इसके साथ ही यह खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी का गृह जिला है. कभी बीजेपी के खास रहे जनार्दन रेड्डी ने अपनी नई पार्टी बनाई है और चुनाव में उतरने का एलान किया है.
जनार्दन रेड्डी के दो भाई करुणाकर रेड्डी और जो सोमशेखर रेड्डी बीजेपी के विधायक हैं जबकि उनके करीबी कहे जाने वाले श्रीरामुलु बोम्मई सरकार में मंत्री हैं. करुणाकर और सोमशेखर ने कहा है कि उनका नई पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में अगर बीजेपी बेल्लारी भाइयों को मैदान में उतारती है तो परिवार के बीच दिलचस्प लड़ाई होगी.
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