Rajiv Kumar On Youth Voters: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार (10 मार्च) को चुनाव के दौरान युवा और शहरी मतदाताओं की उदासीनता पर चिंता जताई और इसे एक बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि मतदान दिवस को लोकतंत्र के त्योहार की तरह क्यों नहीं मनाया जाता है, बल्कि इसे एक छुट्टी के रूप में क्यों मनाया जाता है?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, “आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती हमारे मतदाताओं के बीच उदासीनता है. जिसमें मुख्य रूप से युवा और शहरी मतदाता शामिल हैं.” राजीव कुमार ये टिप्पणी कर्नाटक दौरे पर वोट फेस्ट-2023 कार्यक्रम के दौरान कही. ये कार्यक्रम कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी और बीबीएमपी ने आयोजित किया था.
मतदान केंद्रों तक कैसे आएंगे मतदाता?
इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये भी जानने की कोशिश की कि वोट न करने वाले मतदाताओं को पोलिंग बूथ कर कैसे प्रेरित किया जाए और उन्हें मतदान केंद्रों तक कैसे लेकर आया जाए. उन्होंने कहा, “उन वजहों, धारणाओं, विश्वास, प्रेरणा, बाधा, चुनौती, अनुभव के अलावा उन रूपरेखाओं को जानना बहुत जरूरी हो गया जो वोट न डालने को आकार देते हैं.” उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “क्या हम इन वोट न देने वाले मतदाताओं को प्रेरित कर सकते हैं. वो इस ताकत में विश्वास करें और प्रेरित हों कि उनकी एक वोट की ताकत एक बड़ा अंतर पैदा कर सकती है.”
उन्होंने कहा, “हम मतदान के दिन को एक जोश, उत्साह, रंगों और एक त्योहार की तरह क्यों नहीं मना सकते? आज का युवा इस धारणा की स्थिति में है कि उनका वोट सरकार के निर्णय लेने को प्रभावित नहीं करता है.”
दरअसल, राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के अधिकारियों की एक टीम राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आंकलन करने के लिए गुरुवार (09 मार्च) को तीन दिन के दौरे पर कर्नाटक में पहुंची है.
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