Karnataka Election 2023: बीजेपी या कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी JDS? एचडी कुमारस्वामी ने साफ किया रुख
HD Kumaraswamy Remark Over BJP and Congress: कर्नाटक में इसी साल मई से पहले विधानसभा चुनाव होना है. उससे पहले जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह गठबंधन में जाएंगे या नहीं.
HD Kumaraswamy On Coalition With BJP-Congress: कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) (JDS) नेता एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने विधानसभा चुनाव के बाद की स्थिति को लेकर अपना रुख साफ किया है. उनकी पार्टी बीजेपी या कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी या नहीं, इस बारे में उन्होंने बताया है.
एक इंटरव्यू में जेडीएस नेता ने कहा कि बीजेपी या कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों के साथ उनका बुरा अनुभव रहा है, इसलिए गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहे हैं. कर्नाटक में इसी साल मई में विधानसभा चुनाव होना है. उससे पहले कुमारस्वामी ने दोनों पार्टियों के साथ अपने अनुभव के बारे में विस्तार से बताया.
स्पष्ट बहुमत न मिलने पर क्या जेडीएस गठबंधन करेगी?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कुमारस्वामी से पूछा गया कि अगर विधानसभा चुनाव में राज्य में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो क्या उनकी पार्टी एक गठबंधन सहयोगी की भूमिका में होगी? जवाब में उन्होंने कहा, ''मैं भविष्य में किसी भी गठबंधन सरकार के लिए खुश नहीं हूं क्योंकि दोनों (कांग्रेस-बीजेपी) पार्टियों के साथ मेरा अनुभव बुरा रहा है.''
कुमारस्वामी ने कहा कि पहला अनुभव बीजेपी के साथ का 2006 का है. उन्होंने कहा, ''एक हद तक तो यह ठीक भी था क्योंकि तब बीजेपी को किसी तरह की ताकत का अनुभव नहीं हुआ था. अब वे आठ साल तक सत्ता का सुख ले चुके हैं. बीजेपी असली नहीं रही जो 2006 में थी. सभी निर्देश आलाकमान की ओर से दिए जाते हैं लेकिन यहां कोई नियंत्रण नहीं है. हर कोई धन चाहता है. अगर हम बीजेपी से हाथ मिलाते हैं तो सुशासन नहीं दे सकते.''
'कांग्रेस के साथ भी रहा बुरा अनुभव'
कुमारस्वामी ने कहा, ''कांग्रेस के साथ भी मेरा बहुत बुरा अनुभव रहा है. उन्होंने मेरे साथ एक 'चपरासी' की तरह व्यवहार किया. यही इसके लिए सबसे सही शब्द है. कांग्रेस के साथ ऐसा पहला अनुभव नहीं था. लोगों ने 2006 में कांग्रेस को खारिज कर दिया था. आखिरकार मेरे पिता ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया. उन्होंने (कांग्रेस) से मुख्यमंत्री पद की मांग की, हमारी पार्टी भी मान गई और धरम सिंह मुख्यमंत्री बने, लेकिन उन्होंने मेरे साथ तब जैसा व्यवहार किया था, वैसा ही अब भी किया, हालांकि मुझे मुख्यमंत्री का पद दिया गया था.''
'जेडीएस का गढ़ खत्म नहीं कर सकतीं दोनों पार्टियां'
कुमारस्वामी ने आगे कहा कि उनका अनुभव कहता है कि स्पष्ट बहुमत न मिलने पर अगर बीजेपी या कांग्रेस के साथ जाते हैं तो कुछ महीने की ही सरकार चलाई जा सकती है, लेकिन आम आदमी के लिए यह मददगार नहीं होगा. दरअसल 224 सदस्यीय विधानसभा के इस राज्य में 61 सीटों वाले पुराने मैसूर क्षेत्र को जेडीएस का गढ़ माना जाता है.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस क्षेत्र में अपना वोट शेयर बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. कुमारस्वामी ने कहा कि दोनों पार्टियां जेडीएस के इस गढ़ को खत्म करने की स्थिति में नहीं है. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने राज्य में कुल 37 सीटें जीती थीं. इनमें से 31 सीटें पुराने मैसूर क्षेत्र से ही हैं.