नई दिल्ली: कर्नाटक के जलाहल्ली इलाके के एक घर में करीब 10 हजार वोटर आईडी कार्ड बरामद किए जाने बाद प्रशासन से लेकर चुनाव आयोग तक में हड़कंप मच गया था. इसकी जांच के बाद अब कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने वहां कल होने वाले मतदान को रद्द कर दिया है. बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए कल मतदान होने वाले हैं जिसका नतीजा 15 मई को आना है.


चुनाव आयोग के मुताबिक जलाहल्ली में 9 हजार 746 वोटर आईडी कार्ड मिले थे, जिसकी जांच के बाद ये फैसला लिया गया है. इस मामले पर राजनीति भी खूब हुई थी. बीजेपी का कहना था कि कांग्रेस उम्मीदवार के फ्लैट से फर्जी वोटर आईडी मिले थे. तो वहीं कर्नाटक की जनता और चुनाव को बदनाम करने के आरोप में कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का इस्तीफा मांग की थी. बीजेपी ने भी बादामी से सिद्धारमैया का नामांकन रद्द करने की भी मांग की थी.


आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस, बीजेपी की महिला नेता पर आरोप लगाती नजर आई. कांग्रेस का कहना था कि जिस घर से फर्जी वोटर आईकार्ड मिले हैं वो बीजेपी की महिला नेता का है. बीजेपी का कहना था कि इस घर में बीजेपी की महिला नेता का दत्तक पुत्र रहता है.


कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी संजीव कुमार ने बीते दिनों इसी मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हमने बेंगलुरु के आरआर नगर के एक फ्लैट से 9,746 फर्जी मतदाता पहचान पत्र बरामद किए हैं. फर्जी मतदाता पहचान पत्र से जुड़े मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ये एक गंभीर मसला है.


राज्य में 4.98 करोड़ से ज्यादा मतदाता
राज्य में 4.98 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं जो 2600 से ज्यादा उम्मीदवारों के बीच से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे. इन मतदाताओं में 2.52 करोड़ से ज्यादा पुरुष, करीब 2.44 महिलाएं और 4552 ट्रांसजेंडर हैं.


राज्य में 55,600 से ज्यादा मतदान केंद्र
चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में 55,600 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाये गये हैं. कुछ सहायक मतदान केंद्र भी होंगे. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 3.5 लाख से ज्यादा कर्मी चुनाव ड्यूटी पर होंगे. सूत्रों ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में कुछ मतदान केंद्र संबंधित स्थान के पारंपरिक रुप में नजर आयेंगे. पहली बार कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर दिव्यांग कर्मचारी ड्यूटी पर होंगे.


सूत्रों ने बताया कि लोग मोबाल एप्प के अनुसार मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार की स्थिति के बारे में जान पायेंगे. वैसे 1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाया है. उस साल रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल फिर सत्ता पर काबिज हुआ था.


बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए जुटी
कांग्रेस, पंजाब के बाद एकमात्र बड़े राज्य पर काबिज रहने के लक्ष्य पर केंद्रित है जबकि बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए जुटी हुई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक पार्टी के लिए दूसरी बार दक्षिण में कदम रखने का द्वार होगा.


वैसे बीजेपी ने सिर्फ एक बार 2008 से 2013 के बीच कर्नाटक में शासन किया था लेकिन उसका कार्यकाल पार्टी की अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा था. उसके तीन मुख्यमंत्रियों में से एक और फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येद्दयुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में थे.


जनता दल सेकुलर के अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी ने माना है कि उनकी पार्टी के लिए यह जीवन-मरण का सवाल है. जेडीएस फिलहाल एक दशक से सत्ता से बाहर है.