बेंगलुरू: कर्नाटक में खंडित जनादेश के बीच सरकार को लेकर सस्पेंस बरकार है. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्याबल उसके साथ नहीं है. चुनाव बाद हुए कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के बहुमत है लेकिन सूत्रों की मानें तो राज्यपाल वजुभाई वाला बीजेपी को बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं.


इस बीच गोवा और मणिपुर में सरकार बना चुकी बीजेपी के लिए कर्नाटक का रण फंसता नजर आ रहा है. बीजेपी बहुमत से आठ सीट दूर है, ऐसे में अगर राज्यपाल सरकार बनाने का न्योता देते भी हैं तो सदन में बहुमत साबित करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.


ऐसे कांग्रेस और जेडीएस का खेल बिगाड़ सकती है बीजेपी
राज्यपाल से न्योते के बाद बीएस येदुरप्पा का शपथग्रणह होगा. बीजेपी राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए कुछ दिनों का वक्त मांगेगी. इसी दौरान बीजेपी अपने लिए मैजिक नंबर जुटाने की जुगाड़ करेगी.


बीजेपी के पास अभी 104 विधायक हैं, एक निर्दलीय ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है यानी बीजेपी के 105 विधायक हो गए. अगर दूसरा निर्दलीय भी समर्थन दे देता है तो आंकड़ा 106 पर पहुंच जाएगा. बीजेपी अगर बीएसपी के एक विधायक को अपने खेमे में लाने में कामयाब हो जाती है तो यह आंकड़ा 107 हो जाएगा.


कर्नाटक में अभी दो सीट पर चुनाव होना बाकी है, मान लीजिए अगर बीजेपी एक सीट पर जीतती है तो नंबर 108 तक पहुंच जाएगा. यानी बहुमत के लिए जरूरी संख्या में चार कम पड़ रहे हैं.


यहां से बीजेपी की असली परीक्षा शुरू होगी. इसका तोड़ ये है कि बहुमत के आंकड़े यानी मैजिक फिगर को ही छोटा कर दिया जाए. खबरों की माने तो कांग्रेस के सात विधायक जेडीएस से गठबंधन के चलते नाराज हैं. बीजेपी अगर इन्हें विश्वास मत के दौरान गैरहाजिर रहने के लिए मना लेती है तो बहुमत का आंकड़ा 108 पर आ जाएगा. बीजेपी आसानी से सरकार बना लेगी.


बीजेपी ने इस रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी में कर्नाटक के प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इशारों इशारों में ये कह दिया कि कांग्रेस के नाराज़ विधायक उन्हें फायदा पहुंचा सकते हैं. हालांकि जावड़ेकर ने ये साफ किया कि बीजेपी किसी पार्टी के विधायक को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रही.