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DK Shivakumar Vs Siddaramaiah: डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया, कर्नाटक CM की रेस में कौन किस पर भारी? जानें
Karnataka CM Race: कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद अब सीएम की रेस में डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मुकाबला है. शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक में विजेता का ऐलान होगा.
Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक में शनिवार (13 मई) को चुनाव नतीजों में कांग्रेस को 135 सीटों पर जीत के साथ स्पष्ट बहुमत मिल गया है. रविवार (14 मई) शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है, जिसमें राज्य का अगला सीएम चुना जाना है. फिलहाल, राज्य में सरकार के मुखिया के लिए दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा है.
उनमें एक पूर्व सीएम सिद्धारमैया (Siddaramaiah) हैं तो दूसरा नाम राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) का है. जिनकी अगुवाई में पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है. दोनों के बीच सीएम बनने को लेकर तगड़ी टक्कर है. बाजी किसके हाथ लगेगी, इसका पता तो शाम को लगेगा, लेकिन उसके पहले दोनों की ताकत और कमजोरी जान लेते हैं, जो इनकी उम्मीदवारी में अहम रोल अदा करने वाली है.
डीके शिवकुमार
ताकत
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी का संगठन मजबूत हुआ और सत्ता में वापसी कराई.
- रिसोर्सफुल नेता- पॉलिटिकल पावर के साथ मनी पावर भी है. कर्नाटक के सबसे धनी विधायकों में से एक हैं.
- पार्टी के संकटमोचक वाली छवि है. दूसरे राज्यों में भी कांग्रेस पर संकट आने पर डीके शिवकुमार ने पार्टी की मदद की.
- राज्य के दूसरे सबसे मजबूत समुदाय वोक्कालिगा से आते हैं. राज्य में इस समुदाय की 12 प्रतिशत आबादी है और 50 सीटों पर असर है. इस बार वोक्कालिगा वोटों में सेंध लगाने में असर, जो अब तक जेडीएस के साथ रहा है.
- छात्र राजनीति से करियर शुरू किया और कई सरकारों में महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले.
- जबरदस्त रणनीतिकार माने जाते हैं. साथ ही गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं. जब जेल में बंद थे तो सोनिया गांधी खुद मिलने गई थीं.
कमजोरी
- राज्य में सिद्धारमैया के मुकाबले कम विधायकों का समर्थन प्राप्त.
- शिवकुमार के खिलाफ करप्शन के केस चल रहे हैं.
- जेल भी जा चुके हैं. सीएम बनने पर बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोप लगाएगी.
- कई केंद्रीय एजेंसियां शिवकुमार के खिलाफ जांच कर रही हैं. दोषी साबित होने पर सीएम पद भी जा सकता है.
सिद्धारमैया
ताकत
- सिद्धारमैया पूर्व सीएम रहे हैं और कांग्रेस के सबसे अनुभवी व बड़े नेता हैं.
- राज्य में व्यापक जनसमर्थन वाले मास लीडर हैं.
- कर्नाटक के तीसरे बड़े समुदाय कुरुबा से आते हैं, राज्य में कुरुबा की आबादी 8 प्रतिशत है.
- राज्य के पहले गैर लिंगायत और गैर वोक्कालिगा सीएम बने.
- पूर्व सीएम होने के नाते प्रशासनिक अनुभव भी.
- डीके शिवकुमार के मुकाबले उन्हें अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
कमजोरी
- 2013-18 तक सीएम रहे, लेकिन राज्य में सत्ता में रहते 2018 में कांग्रेस को जीत नहीं दिला सके.
- सिद्धारमैया 76 साल के हैं और सीएम बनने की राह में उम्र रोड़ा बन सकती है.
- सिद्धारमैया की पिछली सरकार ने लिंगायतों को बांटने की कोशिश की थी. सीएम बनने पर लिंगायत समाज नाराज हो सकता है.
- प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते जीत दिलाने का श्रेय शिवकुमार को मिल रहा जिससे सिद्धारमैया की दावेदारी कमजोर पड़ रही.
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