BJP Plan To Defeat Defectors: कर्नाटक की सत्ता में बैठी बीजेपी को इस बार के विधानसभा चुनावों में अजीब सी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. अलग-अलग कारणों से पार्टी के 10 बड़े नेता विरोधी दलों में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही ये कई सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं. पार्टी अच्छी तरह से जानती है कि बहुमत हासिल करने के लिए इन सीटों पर जीतना कितना महत्वपूर्ण है, इसी वजह से दल-बदलू नेताओं को हराने के लिए पार्टी नेतृत्व ने एक खास रणनीति तैयार की है.


टीओआई के मुताबिक, मंगलवार (25 अप्रैल) को बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार और गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक बुलाई. इसमें खास रणनीति तैयार की गई. मीटिंग में शाह का हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट पर खास जोर रहा, क्योंकि इसी सीट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता जगदीश शेट्टार चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से बीजेपी ने महेश कुमाथल्ली को अपना प्रत्याशी बनाया है.


पीएम मोदी लगाएंगे नैया पार?


बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य चलवाडी नारायणस्वामी के मुताबिक, पार्टी का ध्यान इन सीटों को जीतने का है न कि अलग हो चुके पुराने साथियों को हराने पर. हुबली में अपने दौरे के दौरान गृह मंत्री शाह ने उत्तरी कर्नाटक के धारवाड़, बेलगावी और अन्य जिलों में अभियान में शामिल पदाधिकारियों से मुलाकात की. इन इलाकों में जमीनी तौर पर पहले से सक्रिय टीम के अलावा अन्य सदस्यों की भी तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्यादा से ज्यादा रैलियां और रोड शो आयोजित करने का फैसला लिया है.


इन नेताओं और मंत्रियों को भी दी जिम्मेदारी


धारवाड़ लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को जिले की विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद ही इन सीटों पर जीत की जिम्मेदारी ली हुई है खासकर हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट. उन्होंने कहा था, “शेट्टार ने विश्वासघात किया, क्योंकि बीजेपी में उन्हें सभी विशेषाधिकार मिले हुए थे. उनकी विधानसभा के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे. वो कभी नहीं जीतेंगे.”


बीजेपी के लिए ये नेता बने चुनौती


चिक्कमगलुरु में, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि का सामना एचडी थमैय्या से है, जो कभी विश्वासपात्र थे और पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हो गए. येदियुरप्पा खेमे के वफादार सदस्य रहे हावेरी के यूबी बानाकर हिरेकेरूर निर्वाचन क्षेत्र में कृषि मंत्री बीसी पाटिल के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. पूर्व विधायक और आरएसएस के विचारक केएस किरण कुमार चुनाव की घोषणा से कुछ दिनों पहले कांग्रेस में चले गए और वो तुमकुरु जिले के चिक्कानायकनहल्ली में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी से भिड़ेंगे.


शिवमोगा विधानसभा सीट की अगर बात की जाए तो बीजेपी छोड़ जेडीएस में शामिल होने वाले पूर्व एमएलसी अयानूर मंजूनाथ पार्टी के नए उम्मीदवार चन्नबसप्पा के लिए चुनौती बने हुए हैं. येदियुरप्पा के रिश्तेदार एनआर संतोष को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वो जेडीएस में शामिल हो गए. वो हासन जिले के अरासिकेरे से चुनाव लड़ रहे हैं. 


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