Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही है. इसी बीच शुक्रवार (7 अप्रैल) को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के राजनीतिक सचिव और बीजेपी विधायक एमपी रेणुकाचार्य के खिलाफ बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई. इसको लेकर शिकायत चुनाव अधिकारी ने की थी.
सीएम बोम्मई का काफिला डोड्डाबल्लापुर के श्री घाटी सुब्रमण्या मंदिर जा रहा था. इसी दौरान चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने तलाशी ली. दरअसल, राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है.
आदर्श आचार संहिता क्यों लगाई जाती है?
किसी भी चुनावी राज्य में आदर्श आचार संहिता इसलिए लगाई जाती है ताकि कोई भी अपने पद का दुरुपयोग न कर सके. यह इसलिए लगाया जाता है ताकि इलेक्शन निष्पक्ष तरीके से हो.
बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को एक चरण में चुनाव होना है. इसका परिणाम 13 मई को आएगा. यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और सत्ताधारी दल बीजेपी के बीच माना जा रहा है. इसके अलावा चुनावी मैदान में जेडीएस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सहित कई दल उतरे हैं.
आए दिन चुनावी दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. सिद्धारमैया ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे पर सवाल उठाते कहा था कि वो कैसे आचार संहिता लगने के दौरान सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए यहां आ रहे हैं.. इलेक्शन कमीशन अनुमति नहीं देता है तो यह संहिता का उल्लघंन होगा.
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