ABP C Voter Survey: क्या बजरंग दल और PFI की तुलना सही है? सर्वे में जनता ने बता दी अपनी राय
Karnataka Elections 2023: कर्नाटक चुनाव में इन दिनों बजरंग दल सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरकर सामने आया है. बजरंग दल और पीएफआई की तुलना कितनी सही है, ये जानने के लिए एबीपी सी वोटर ने एक त्वरित सर्वे किया.
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Karnataka Elections Survey 2023: बजरंग दल विवाद कर्नाटक चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. इस वक्त कर्नाटक के मंदिरों में बीजेपी के कार्यकर्ता हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं. भजन कीर्तन हो रहा है. बीजेपी ने बजरंग दल के विवाद को बजरंग बली से जोड़कर कांग्रेस को मानो बैकफुट पर ला दिया है. कांग्रेस के कई नेता और सहयोगी परेशान हैं.
कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है. बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने इस मुद्दे पर कर्नाटक में त्वरित सर्वे किया है. इस सर्वे में 8 हजार 272 लोगों से बात की गई है. सर्वे गुरुवार (4 मई) दिन भर किया गया है. इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.
क्या बजरंग दल और प्रतिबंधित PFI की तुलना सही है ?
स्रोत- सी वोटर
हां-35%
नहीं-38%
पता नहीं-27%
सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों को लगता है कि बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित पीएफआई से करना सही है. वहीं, 38 प्रतिशत लोग मानते हैं कि ये तुलना ठीक नहीं है. जबकि 27 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि ये तुलना ठीक है कि नहीं.
'जगह-जगह हनुमान मंदिर बनाएंगे'
इस मुद्दे से पहले कर्नाटक में फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस जैसे ही बैकफुट पर पहुंची तो राज्य में पार्टी अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार (04 मई) को कहा कि हमारी सरकार बनने पर जगह-जगह हनुमान मंदिर बनाएंगे. साथ ही भगवान हनुमान के सिद्धातों को युवाओं तक पहुंचाने के लिए स्पेशल प्रोग्राम भी कराए जाएंगे.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो में क्या?
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा, ''हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’
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