Karnataka Elections: कर्नाटक चुनाव में MNS किसके साथ? राज ठाकरे ने कर दिया खुलासा, उद्धव ठाकरे की पार्टी भी दे चुकी है समर्थन
Karnataka Assembly Elections 2023: राज ठाकरे ने कहा कि आप इस बात का ध्यान रखें कि मराठी भाषी उम्मीदवार ही जीतकर आएं, ये आपके हित में है.
Raj Thackeray On Karnataka Elections 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मराठियों के मुद्दे को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की पार्टी एक मंच पर नजर आ रही है. दोनों ही दल महाराष्ट्र एकीकरण समिति (Maharashtra Ekikaran Samiti) को सपोर्ट कर रहे हैं. मनसे (MNS) चीफ राज ठाकरे ने सोमवार (8 मई) को ट्वीट कर लोगों से एमईएस (MES) के उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की है.
राज ठाकरे ने ट्वीट किया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होने जा रहे हैं. मैं सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मराठी भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि वे एकजुट होकर महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवारों के लिए मतदान करें. अन्य दलों के उम्मीदवार भले ही मराठी हों, लेकिन निर्वाचित होने के बाद वे मराठी भाषा का गला घोंटने या सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ विधानसभा में मुंह नहीं खोलेंगे.
"मराठी लोगों को परेशान किया जा रहा"
उन्होंने आगे कहा कि मेरा दृढ़ मत है कि आपको अपने राज्य की भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. कई पीढ़ियों से सीमा क्षेत्र में रहने वाले भाइयों ने यहां की कन्नड़ भाषा और संस्कृति का सम्मान किया है, लेकिन फिर भी अगर वहां की सरकार मराठी लोगों को परेशान करे, मराठी भाषा का गला घोंटने की कोशिश करे, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब कर्नाटक सरकार ने एक बार फिर सीमांकन के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की, तो मैंने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र मूल रूप से समरूप हैं.
"अपनी भाषा के विधायक होने चाहिए"
मनसे प्रमुख ने कहा कि यहां के कई लोगों के पास कर्नाटक में उनके कुल देवता हैं जबकि कई कन्नडिगों के महाराष्ट्र में उनके कुल देवता हैं. संक्षेप में, दोनों राज्यों के बीच संबंध मजबूत हैं. फिर, अगर कर्नाटक सरकार समझौतावादी रुख अपनाती है, तो संघर्ष के लिए कोई समय नहीं होगा, लेकिन वहां किसी भी दल की सरकार आ जाए, उनके व्यवहार में कोई अंतर नहीं आता. इसलिए विधायिका में मराठी भाषी विधायक होने चाहिए, जो उस क्षेत्र की मराठी पहचान का प्रतिनिधित्व करे, जो मराठी लोगों के मुद्दों के लिए आवाज उठाए. इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के पास 10 मई को मौका है.
उद्धव ठाकरे की पार्टी ने भी दिया समर्थन
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत भी महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर चुके हैं. उन्होंने खानापुर से एमईएस के उम्मीदवार मुरलीधर पाटिल के लिए वोट मांगे थे. राउत ने इस दौरान चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी पर महाराष्ट्र से नफरत करने का आरोप लगाया था और कहा कि जब भी मराठी मानस मजबूत होता है, तो वह एक साजिश रचती है. चाहे वह महाराष्ट्र हो या कर्नाटक के मराठी भाषी सीमावर्ती क्षेत्र.
उन्होंने कहा कि चाहे उद्धव ठाकरे हों या राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, एकीकरण समिति और कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्रों में मराठी लोगों के प्रति उनका हमेशा लगाव रहा है. बता दें कि, कर्नाटक चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होगा और नतीजे 13 मई को आएंगे.
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