BJP Plan Fail In Karnataka: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आ चुके हैं और राज्य में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी करते हुए 136 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, बीजेपी को सिर्फ 65 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. बीजेपी ने इस चुनाव को जीतने के लिए कई तरह के प्रयोग किए. 75 नए चेहरों को मौका दिया, बॉलीवुड फिल्म से लेकर बजरंग बली तक का सहारा लिया लेकिन ये भी करारी हार से बचा नहीं पाए.


राज्य में कांग्रेस के लिए बजरंग दल वाला मुद्दा फायदेमंद रहा. इसका तोड़ निकालते हुए बीजेपी ने बजरंग बली वाला कैंपेन चलाया लेकिन इसका फायदा पार्टी को नहीं मिल पाया. बजरंग दल पर बैन के नाम पर कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम समाज का वोट एक तरफा मिल गया. इसके साथ ही बीजेपी ने बॉलीवुड फिल्म द केरला स्टोरी वाला दांव भी चला लेकिन वो भी उल्टा पड़ गया.


कर्नाटक में गुजरात मॉडल फेल


गुजरात में बीजेपी को बड़ी सफलता हाथ लगी थी. यही मॉडल पार्टी ने कर्नाटक में भी इस्तेमाल किया. उनमें से 75 नए चेहरों को टिकट देना या फिर बीच में ही मुख्यमंत्री का चेहरा बदल देना हो. बीजेपी के लिए दक्षिण के द्वार कहे जाने वाले राज्य में ये दोनों ही फैक्टर फेल हो गए. 75 में से 60 चेहरे चुनाव हार गए. वहीं, चुनाव प्रचार में पार्टी ने अपने मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई को सही से उजागर नहीं किया. इसके अलावा वो लिंगायत समुदाय से परे अपना आधार भी नहीं बना सके.


कांग्रेस ने पकड़ा स्थानीय मुद्दों का हाथ


एक तरफ जहां बीजेपी बजरंग बली और आतंकवाद के मुद्दों को लेकर प्रचार करती रही तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों का साथ नहीं छोड़ा. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून और व्यवस्था के साथ-साथ आरक्षण जैसे मुद्दों पर जमकर चुनाव प्रचार किया. उसका 40 परसेंट कमीशन वाला नारा काफी फेमस भी हो गया था.


टिकटों के बंटवारे को लेकर भी बीजेपी में नाराजगी देखी गई. टिकट वितरण के लिए दिल्ली में कई बैठकें हुईं. टिकटों की देखरेख करने वालों वालों में से एक बीजेपी के महासचिव सीटी रवि भी अपनी सीट नहीं बचा पाए.


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