Bajrang Dal: कर्नाटक में जिले से निकाले जाएंगे बजरंग दल के पांच कार्यकर्ता, जानें SDM ने क्यों दिए ये आदेश
Bajrang Dal Karnataka: कर्नाटक पुलिस ने बजरंग दल के पांच कार्यकर्ताओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
Bajrang Dal Karnataka Notice: कर्नाटक के पुत्तुर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) गिरीश नंदन ने दक्षिण कन्नड़ जिले में बजरंग दल के पांच कार्यकर्ताओं के खिलाफ निर्वासन नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के तहत इन कार्यकर्ताओं को जिले से बाहर किए जाने का प्रावधान है. सांप्रदायिक झड़पों की घटनाओं, गाय परिवहन के संबंध में हमले के मामलों, नैतिक पुलिसिंग और अन्य मामलों में कथित संलिप्तता के लिए दक्षिण कन्नड़ जिले के कार्यकर्ताओं के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने गुरुवार (16 नवंबर) को बताया कि नोटिस में उनसे पूछा गया है कि उन्हें दूसरे जिलों में क्यों नहीं भेजा जाए. सूत्रों ने बताया कि दिनेश, प्रज्वल, लतेश गुंड्या, निशांत और प्रदीप को नोटिस जारी किया गया है. लतेश गुंड्या पुत्तूर जिले के बजरंग दल के सह संयोजक हैं. प्रज्वल और दिनेश बजरंग दल में तालुक स्तर के पदाधिकारी हैं. जबकि अन्य दो बजरंग दल के सामान्य कार्यकर्ता हैं.
असिस्टेंट कमिश्नर के सामने होना होगा हाजिर
एसडीएम की ओर से जारी नोटिस में उन्हें निर्देश दिया गया है कि आगामी 22 नवंबर को पुत्तूर में सहायक आयुक्त (असिस्टेंट कमिश्नर) के सामने उपस्थित होना होगा. नोटिस में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि उन्हें यह बताना होगा कि आखिर उन्हें क्यों जिले से बाहर नहीं निकाला जाए?
साल भर के लिए जिले से होंगे निष्कासित
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1953 की धारा 55 के तहत नोटिस जारी किया गया है. नियम के अनुसार एक बार जब वे प्राधिकरण के सामने पेश होंगे, तो उन पर एक साल के लिए निष्कासन आदेश लागू किया जाएगा. यानि साल भर तक वे जिले में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
पहले भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को किया गया है निष्कासित
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर जिले से निर्वासन की यह पहली कार्रवाई नहीं है. इसके पहले इसी साल जुलाई में, बजरंग दल के तीन कार्यकर्ताओं को मंगलुरु शहर से कानूनी आदेश जारी कर निर्वासित किया गया था. हालांकि, बजरंग दल की ओर से इस कार्रवाई के खिलाफ उच्च अदालत का रुख किया गया था, जिसके बाद आदेश पर स्थगन लग गया था.
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