कोप्पल: कर्नाटक में कोप्पल जिले के मियापुर गांव में हनुमान मंदिर के 'शुद्धिकरण' के लिए एक दलित परिवार से दंड स्वरूप 25,000 रुपये मांगने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दलित परिवार से, उनके दो साल के बेटे के मंदिर में प्रवेश करने के बाद यह जुर्माना राशि मांगे जाने का आरोप है. पुलिस अधीक्षक टी श्रीधर ने बुधवार को बताया, 'हमने इस मामले के संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.'' अधिकारी ने बताया कि यह घटना चार सितंबर की है और इसका पता सोमवार को तब चला जब एक मामला दर्ज कराया गया. श्रीधर ने कहा, ''दलित परिवार ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया था.''


चेन्नादासर समुदाय से ताल्लुक रखने वाला चंद्रशेखर चार सितंबर को अपने दो साल के बेटे के जन्मदिन पर उसके लिए भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेना चाहता था. अधिकारी ने बताया, ''चंद्रशेखर और उसके परिवार के सदस्य बाहर खड़े थे लेकिन बच्चा मंदिर में चला गया जिससे मंदिर का पुजारी नाराज हो गया और उसने इसे एक मुद्दा बना लिया.''


कुछ लोगों ने लिया पुजारी का पक्ष


'ऊंची जाति' के कुछ और लोगों ने पुजारी का पक्ष लिया और 11 सितंबर को एक बैठक बुलायी गई जिसमें उन्होंने मंदिर के 'शुद्धिकरण' के खर्च के लिए 25,000 रुपये मांगे. हालांकि, ऊंची जाति के अन्य ग्रामीणों ने इस कदम को 'कठोर' बताते हुए इसका विरोध किया.


इस प्रकरण से गांव में एक बहस शुरू हो गयी और यह कुश्तागी पुलिस के संज्ञान में आया. चंद्रशेखर का परिवार ऊंची जाति के लोगों की नाराजगी के डर से पुलिस में शिकायत करने से डर रहा था. कोप्पल जिले की चेन्नादासर महासभा के कुछ सदस्य भी गांव में गए और बैठकें की जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.


सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक बालचंद्र संगानल की शिकायत पर मंगलवार को मामला दर्ज किया गया. पिछले दो दिनों में जिला प्रशासन ने गांव के लोगों से बातचीत करने के लिए बैठकें कीं. इसके बाद एक महा पूजा का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस की मौजूदगी में चेन्नादासर समुदाय समेत गांव के सभी समुदायों के लोगों ने भाग लिया.


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