बेंगलुरू: कर्नाटक में सियासी संकट और गहरा गया है. विधानसभा की कार्यवाही आज शाम हंगामे के बाद कल यानि शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई. इससे नाराज बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अगर आज बहुमत परीक्षण नहीं हुआ तो उनके MLA विधानसभा में ही सोएंगे.
इससे पहले कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि आज ही विश्वास मत की प्रक्रिया को पूरा करवाएं. राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा, “कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा पेश किये गए विश्वास मत के प्रस्ताव पर आज सदन में चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री से अपने कार्यकाल के दौरान हर समय सदन का विश्वास बरकरार रखने की उम्मीद की जाती है.”
उन्होंने कहा, “मैं, इसलिये, सदन को यह संदेश भेज रहा हूं कि आज दिन खत्म होने तक सदन की प्रक्रिया को पूरा करने पर विचार करें.” संविधान के अनुच्छेद 175 के तहत भेजे गए वजुभाई वाला के संदेश में कहा गया है कि दिन खत्म होने तक प्रक्रियाओं के पूरा होने से लोकतंत्र और संसदीय परिपाटियों की उच्च परंपराएं बरकरार रहेंगी.
राज्यपाल के पत्र पर कांग्रेस की आपत्ति
राज्यपाल के संदेश पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई. कांग्रेस ने कहा कि आज तक राज्यपाल की तरफ से ऐसा संदेश कभी नहीं गया, आज क्यों? कांग्रेस नेता एचके पाटिल ने कहा, ''राज्यपाल का प्रतिनिधि सदन में मौजूद है, हम उनका स्वागत करते हैं. लेकिन राज्यपाल को सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.''
वहीं बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि 12 बजे रात तक भी चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन कर्नाटक ट्रस्ट वोट आज होना चाहिए और बहुमत आज ही तय किया जाना चाहिए.
इससे पहले मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि बागी विधायकों ने गठबंधन सरकार को लेकर पूरे देश में संदेह पैदा कर दिया और ‘‘हमें सच्चाई बतानी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश कर्नाटक के घटनाक्रम को देख रहा है.’’
जैसे ही सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया गया विपक्षी बीजेपी नेता बी एस येदियुरप्पा ने खड़े होकर कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी की जानी चाहिए. कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘लगता है नेता प्रतिपक्ष जल्दबाजी में हैं.’’