नई दिल्ली: चुनाव परिणाम के बाद लंबे सियासी नाटक पर आज कर्नाटक में ब्रेक लग गया. बहुमत परीक्षण के बजाए आज मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने इस्तीफ दिया, इसी के साथ बीजेपी की सरकार दो दिनों में ही गिर गई. इसके साथ ये भी साफ हो गया है कि चुनाव में तीसरे नंबर पर रही जेडीएस के कुमारस्वामी कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनेंगे. इस्तीफे से पहले बीएस येदुरप्पा ने भावुक भाषण दिया. येदुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस ने जनता के साथ धोखा किया, चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ प्रचार किया और बाद एक दूसरे के साथ आ गए.
कांग्रेस की रण'नीति', बीजेपी पर भारी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) चेयरपर्सन सोनिया गांधी खुद कांग्रेस का मोर्चा संभालने उतरीं. 21 महीनों बाद चाहे चुनाव प्रचार हो या चुनावी रणनीति..सरकार बनाने के लिए सियासी समीकरण बनाने की जिम्मेदारी भी सोनिया गांधी खुद संभाल रही हैं.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जेडीएस को समर्थन देने का एलान किया. कांग्रेस ने जेडीएस के एचडी कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का राज्यपाल को लिखित प्रस्ताव दी. जेडीएस के प्रवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि जनता चाहती थी कि जेडीएस सरकार में रहे. कांग्रेस ने प्रस्ताव दिया है जिसे हमारे शीर्ष नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया. वक्त का मैनेजमेंट देखिए गोवा में 'निर्णय में देरी' की वजह से कांग्रेस सरकार बनाने में चूक गई. उस गलती से सबक सीखते हुए चुनाव परिणाम से पहले ही सोनिया गांधी ने अपने सिपहसालार गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को मैदान में उतार दिया. दोनों ही चुनाव परिणाम से पहले ही बेंगलुरू पहुंच गये. चुनाव परिणाम के दौरान ही निर्णय तुरंत लिया गया. जेडीएस के नेतृत्व में सरकार बनाने का निर्णय. यही सबक गोवा में सरकार गंवाकर कांग्रेस ने सीखा है. या यूं कहें कि सोनिया के नेतृत्व और राहुल गांधी के नेतृ्त्व में यही मूल अंतर है. कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद बीजेपी वोटों में कांग्रेस से पिछड़ी
वक्त के साथ चलने का शानदार उदाहरण दिखा. चुनाव परिणाम में उतार चढाव का दौर चल रहा था. एक वक्त बीजेपी बहुमत के बेहद करीब थी. जैसे ही बीजेपी और बहुमत में अंतर बढा सोनिया गांधी निर्णय ले लीं. कर्नाटक चुनाव नतीजों में नाटकीय अंदाज़ में बहुमत का पेंच फंस जाने के बाद कांग्रेस बड़ा दांव खेल गई. कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने के लिए बिना शर्त जेडीएस को समर्थन देने का मन बना लिया. कांग्रेस जेडीएस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को सीएम के तौर पर कबूल करने को तैयार हो गई.कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनी तो भ्रष्टाचार को लेकर जेल जा चुके येदुरप्पा होंगे सीएम
जेडीएस के समर्थन को लेकर सोनिया गांधी सक्रिय हैं और वो खुद चाहती है कि पार्टी जेडीएस का समर्थन करे. यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत बेंगलुरू में कैंप किए हुए थे. गुलाम नबी आजाद ने काउंटिंग शुरू होते ही देवगौड़ा से मुलाकात की थी.कर्नाटक की जीत पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- पीएम मोदी-शाह के नेतृत्व की जीत हुई
बस चुनाव परिणाम आ रहे थे और कांग्रेस एक कदम आगे रणनीति बना रही थी. याद करिए चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी सक्रिय हुई और अपने केंद्रीय नेताओं को बेंगलुरू भेजी. जब तक चुनाव परिणाम आता सक्रिय सोनिया गांधी का जेडीएस को समर्थन देने का फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ.
कर्नाटक: 21 महीने बाद सक्रिय सोनिया का यह फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ
एबीपी न्यूज
Updated at:
19 May 2018 04:45 PM (IST)
येदुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस ने जनता के साथ धोखा किया, चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ प्रचार किया और बाद एक दूसरे के साथ आ गए.
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