कर्नाटक सरकार बहाल कर सकती है मुसलमानों का 4% आरक्षण, CM सिद्धारमैया ने की घोषणा
Muslim quota:कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संकेत दिए हैं कि कांग्रेस सरकार 4% मुस्लिम कोटा बहाल करेगी. इसे पूर्ववर्ती भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने मार्च 2023 में खत्म कर दिया था.
Muslim quota: कर्नाटक की सरकार जल्द ही 2बी श्रेणी के तहत 4% मुस्लिम कोटा बहाल कर सकती है. वीरशैव-लिंगायत समुदाय के एक उपवर्ग पंचमसाली लिंगायत के ओबीसी में शामिल करने की मांग के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह बयान दिया है.
पंचमसाली लिंगायत ने आरक्षण प्रणाली की श्रेणी 2ए (15 प्रतिशत) में शामिल किए जाने की मांग उठाई है. पंचमसाली लिंगायत अभी 3बी (पांच प्रतिशत) में आते हैं.
बीजेपी पर साधा निशाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने इस विवादास्पद मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए अदालत में हलफनामा दायर किया हुआ है. इसके अलावा उन्होंने विधानसभा में पंचमसाली लिंगायत समुदाय की ज्यादा आरक्षण की मांग को समर्थन करने पर बीजेपी पर हमला बोला.
उन्होंने कहा, "पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2ए कोटे में पंचमसाली लिंगायतों को शामिल नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने 2बी के तहत 4% मुस्लिम कोटा छीन लिया. इसके बाद उन्होंने इसे 3ए और 3बी के तहत 2% वीरशैव-लिंगायतों को और 2% वोक्कालिगाओं में बांट दिया. जिस वजह से अन्याय हुआ है.
भाजपा ने मांगे सबूत
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद आर अशोक और सीएन अश्वथनारायण सहित भाजपा विधायकों ने सबूत मांगे. इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वो पिछली सरकार के दायर हलफनामे को पेश करेंगे. उन्होंने दावा किया है कि इसमें साफ रूप से कहा गया है कि उसने पिछली आरक्षण नीति को बनाए रखने को स्वीकार किया है.
'नहीं लगाया है प्रतिबंध'
भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पंचमसाली लिंगायतों के अपने नियोजित घेराव से रोककर स्वतंत्र अभिव्यक्ति का गला घोंट रही है. भाजपा ने कहा, "यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक हमला है." इस सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "हमने पंचमसाली लिंगायतों के विरोध पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. आरक्षण की मांग करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है. हालांकि, 5,000 से अधिक ट्रैक्टरों सहित वाहनों को अनुमति देने से कानून-व्यवस्था का संकट पैदा हो सकता है."